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दुनिया का इकलौता एयरपोर्ट जहां रनवे पर निकलता है खूबसूरत जुलूस! अडानी समूह ने कायम रखी है खास शाही परंपरा

एक जुलूस को सुविधा देने के लिए हवाई अड्डे के रनवे को न सिर्फ घंटों तक बंद रखा जाता है, बल्कि तीर्थयात्रा की सदियों पुरानी परंपरा को बनाए रखने के लिए सभी उड़ानों को रिशेड्यूल भी किया जाता है.

क्या आपने कभी किसी हवाई अड्डे के रनवे पर हाथियों, घोड़ों और ढोल नगाडों के साथ लोगों को गुजरते देखा है? आज हम आपको एक ऐसे हवाई अड्डे पर लेकर जा रहे हैं, जहां एक समुदाय की भावनाओं का सम्मान करने के लिए हवाई अड्डे ने उनके जुलूस के लिए उड़ानें तक निलंबित कर दी हैं.

केरल में तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दुनिया का एकमात्र हवाई अड्डा है, जहां एक जुलूस की सुविधा के लिए रनवे को घंटों तक बंद रखा जाता है. इतना ही नहीं, तीर्थयात्रा की सदियों पुरानी परंपरा को बनाए रखने के लिए सभी उड़ानों को रिशेड्यूल किया जाता है. इस प्रकार के जुलूस का आयोजन साल में दो बार किया जाता है.

जुलूस के पीछे एक ऐतिहासिक तथ्य

इस जुलूस के पीछे एक ऐतिहासिक तथ्य भी माना जाता है. इतिहासकारों के अनुसार, जब हवाई अड्डे का निर्माण किया गया था, तब तत्कालीन त्रावणकोर शासक जचिथिरा थिरुना ने इस जगह को आम उपयोग हेतु साल में 363 दिन और शाही परिवार के जुलूस के लिए दो दिन खुला रखने का प्रस्ताव रखा था, इससे पहले हवाई अड्डे ने एक नोटिस (नोटम) जारी किया था.

अडानी समूह ने कायम रखी शाही परंपरा 

अडानी समूह ने आज तक यहां एक शाही परंपरा कायम रखी है. हवाईअड्डे पर रनवे की पूरी तरह से सफाई और निरीक्षण के बाद इस खास मौके के लिए हर साल हवाई जहाजों के परिचालन को निलंबित कर दिया जाता है और उड़ानों को पुनर्निर्धारित किया जाता है.

जुलूस का असर यातायात पर नहीं

उल्लेखनीय है कि इस प्रकार के जुलूस के कारण यात्री यातायात या हवाई यातायात में कोई कमी नहीं आई है. वर्ष 2023-24 के दौरान तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (टीआईएएल) पर यात्रियों और हवाई यातायात की संख्या में 3.46 की तुलना में काफी वृद्धि हुई है. 2022-23 में अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक कुल 4.4 मिलियन यात्रियों ने हवाई अड्डे से यात्रा की. यह हवाई अड्डे के इतिहास में यात्रियों की सबसे अधिक संख्या में से एक है.

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