नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी
मोदी सरकार एक ओर देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजना लाई है. इसके साथ ही समाज में महिलाओं के प्रति जागरूकता पैदा करने औरर उनके स्वास्थ्य सुधार के तमाम प्रयास भी किये जा रहे हैं.बावजूद इसके महिलाओं की स्थिति सुधरने के बजाए और बिगड़ती जा रही है.यकीन ना हो तो आप गोरखपुर जाकर देख सकते हैं. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे पांच की रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. जिसमें बड़ी संख्या में बेटियों शादी कम उम्र में ही कर दी जा रही है.
गोरखपुर जिले में एक सर्वे किया है. सर्वे में जिले के 958 परिवारों की 1,360 महिलाओं और 135 पुरुषों से जानकारी जुटाई गई है. जिसमें पता चला कि 14.6 फीसदी महिलाओं की शादी 18 वर्ष से पहले कर दी जाती है. इनमें से 2.4 फीसदी 15 से 18 वर्ष की उम्र में मां बन जाती है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे चार में 15 से 18 वर्ष के बीच मां बनने वाली बेटियों का प्रतिशत 2.1 था, जो सर्वे पांच में बढ़कर 2.4 फीसदी हो गया है.
महिलाएं एनीमिया से पीड़ित
सर्वे पांच की रिपोर्ट में पाया गया कि 15 से 19 साल की 55.8 फीसदी बेटियां एनीमिया से पीड़ित पाई गई हैं. 15 से 49 के आयु वर्ग में यह आंकड़ा 53.4 फीसदी बढ़कर हो गया हैं. सर्वे चार में 52.0 फीसदी महिलाएं एनीमिया से पीडित पाई गई है. ऐसे में मलिाओं की स्थिति सुधरने के बजाए और बिगड़ गई है.
तंबाकू का प्रयोग
सर्वे में सामने आया कि जिले की 5.4 फीसदी बेटियां 15 वर्ष के बाद तंबाकू का सेवन शुरू कर दे रही हैं. वहीं, 44.6 फीसदी किशोर 15 साल के बाद तंबाकू का सेवन कर रहे हैं. 15 वर्ष की 0.1 फीसदी बेटियां ऐसी हैं, जो शराब का सेवन कर रही हैं। वहीं, किशोरों में यह आंकड़ा 18.9 फीसदी है.
महिलाएं हाइपरटेंशन की शिकार
सर्वे में शामिल 10.2 फीसदी महिलाएं हाइपरटेंशन की शिकार मिलीं. इनका ब्लड प्रेशर 140 से 159 के बीच पाया गया. इनमें 4.6 फीसदी महिलाएं ऐसी भी हैं, जो अधिक तनाव में जी रही हैं. इन महिलाओं का ब्लड प्रेशर 160 से अधिक रहा है. कम उम्र में बेटियों की शादी करना वैसे भी गैरकानूनी है.क्योंकि हमारे समाज में बेटियों और बेटों की शादी की उम्र निर्धारित है.मगर इसकी अनदेखी की जा रही है.जो कि चिंता का विषय है.
-भारत एक्सप्रेस