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UP News: प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप में दो डॉक्टर बर्खास्त, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की चेतावनी, बोले-नियमों के खिलाफ काम करने वालों पर होगी कठोर कार्रवाई

Uttar Pradesh: उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि शासकीय सेवा में रहते हुए प्राईवेट प्रैक्टिस किये जाने की सूचना प्राप्त हुई थी.

Lucknow

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दो डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप में बर्खास्त कर दिया है. गौतम्बुद्धनगर में एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी और बाराबंकी में एक चिकित्साधिकारी को डिप्टी सीएम ने बर्खास्त किया है. इसकी जानकारी खुद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने ट्वीट कर दी.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने ट्वीट कर कहा, “गौतम्बुद्धनगर में एक वरिष्ठ चिकित्साधिकारी एवं बाराबंकी में एक चिकित्साधिकारी के प्राइवेट प्रैक्टिस में संलिप्त होने के दृष्टिगत मेरे द्वारा दोनों चिकित्साधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है.” उन्होंने ऐसा करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकारी कार्यों में संवेदनहीनता व आम जनमानस के स्वास्थ्य को व्यापार समझने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

डिप्टी सीएम ने दी चेतावनी

जानकारी के मुताबिक, लंबी जांच की प्रक्रिया के बाद दोनों डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया है. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि नियमों से इतर काम करने वाले डॉक्टर-कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा. बता दें कि बाराबंकी के राम सनेही घाट स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार वर्मा की तैनाती थी. इन पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप लगे, जिसके बाद जांच कराई गई.

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि शासकीय सेवा में रहते हुए प्राईवेट प्रैक्टिस किये जाने की सूचना प्राप्त हुई थी. इन्हें वर्ष 2017 में निलम्बित किया गया था लेकिन इनके द्वारा प्राईवेट प्रैक्टिस जारी रखी गयी. इन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.

उन्होंने बताया कि गौतमबुद्ध नगर स्थित दनकौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डॉ. विजय प्रताप सिंह चिकित्साधिकारी के पद पर तैनात थे. इनके द्वारा वर्ष 2015 में शासकीय सेवा में कार्यरत होने के बाद भी कई निजी चिकित्सालयों में कार्य किया. साथ ही नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउन्स (एनपीए) भी प्राप्त किया जाता रहा. डॉ. विजय के खिलाफ विभागीय जांच कराई गई और जांच में दोषी पाये जाने पर इन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.

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