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UP News: यूपी के मथुरा कोर्ट ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जानकारी सामने आई है कि, थाना नौहझील क्षेत्र के सुहागपुर में 2014 में हुए दोहरे हत्याकांड के मामले में ये सजा सुनाई गई है. 2014 में तत्कालीन प्रधान ने खनन की शिकायत करने पर गांव के ही 6 लोगों पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें से 2 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. पुलिस ने इस मामले में तत्कालीन प्रधान सहित 11 लोगों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कर गिरफ्तार किया था.
सूत्रों के मुताबिक, थाना नौहझील क्षेत्र के गांव सुहागपुर में 13 जुलाई 2014 को गोलीकांड हुआ था. गांव सुहागपुर के प्रधान बंकट अवैध खनन कर रहा था, जिसकी सूचना किसी ने पुलिस को दे दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन इससे पहले ही बंकट अपने साथियों के साथ मौके से भाग निकला.
फायरिंग में 6 लोग हुए थे घायल
इसी बात की रंजिश मानते हुए 13 जुलाई 2014 को बंकट अपने साथी कर्मवीर, सुरेश, प्रताप, केशव, सियाराम, राधेश्याम, रंधीर, श्याम, रामू और अमित के साथ गांव के ही रहने वाले उसके प्रतिद्वंदी कालू उर्फ विशंभर के घर पहुंचा और उन पर हमला कर दिया. बंकट ने कालू और वहां मौजूद लोगों पर फायरिंग कर दी. फायरिंग में कालू,महेश,राम किशन,जय प्रकाश,राम ऋषि और राम निवास घायल हो गए थे.
इलाज के दौरान हुई थी दो की मौत
फायरिंग की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी, गोली लगने से घायल हुए कालू उर्फ विशंभर,महेश,राम किशन,राम ऋषि,राम निवास और जय प्रकाश को इलाज के लिए पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने महेश और राम किशन को मृत घोषित कर दिया था, जबकि अन्य घायलों को इलाज के लिए आगरा रैफर कर दिया था. महेश और राम किशन सगे भाई थे.
करीब दो दर्जन गवाहों की कराई गई थी गवाही
इस दोहरे हत्याकांड में पुलिस ने आरोपी तत्कालीन प्रधान बंकट और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया था, इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. 8 वर्ष तक चले इस मामले में कोर्ट में 23 गवाह अभियोजन पक्ष ने पेश किए थे. शासकीय अधिवक्ता राजू सिंह ने इस पूरे मामले को लेकर मीडिया को जानकारी दी कि कोर्ट में पेश किए गए गवाहों और सबूतों को अदालत ने सही माना और ADJ 1St की अदालत ने सभी 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 33-33 हजार रुपए अर्थ दंड लगाया है. इस मामले में बंकट, कर्मवीर, अमित व प्रताप जेल में ही है, जबकि अन्य जमानत पर बाहर थे. इस मामले में शासकीय अधिवक्ता के अलावा वादी के अधिवक्ता त्रिलोकचंद ने भी कोर्ट में पैरवी की थी.
-भारत एक्सप्रेस