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Khan Mubarak: गैंगस्टर शार्प शूटर खान मुबारक की बीमारी के चलते मौत हो गई है. वह काफी दिनों से निमोनिया समेत कई गंभीर बिमारियों से पीड़ित था. उसकी हालत बिगड़ने पर पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. बता दें कि प्रदेश के टॉप टेन अपराधियों में शामिल खान मुबारक बेहद ही शातिर अपराधी रहा है, वो अंडरवर्ल्ड के कुख्यात शार्प शूटर जफर सुपारी का भाई था, खान मुबारक प्रदेश की हरदोई जेल में बंद था, 3 साल पहले उत्तर प्रदेश की STF टीम ने खान मुबारक को अंबेडकर नगर से अवैध असलहों के साथ गिरफ्तार किया था, पुलिस और एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में जफर सुपारी का सारा काम खान मुबारक ही देखता था.
मुंबई में साल 2006 में काला घोड़ा हत्याकांड के बाद खान मुबारक का नाम सुर्ख़ियो में सामने आया था. तब खान मुबारक छोटा राजन का शार्प शूटर हुआ करता था. प्रदेश में बाहुबली और माफिया कई सारे हुए, जिनमें मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, बृजेश सिंह और मुन्ना बजरंगी जैसे नाम खासे चर्चित रहे. इन सबके बीच खान मुबारक भी ऐसा गैंगस्टर रहा जिसने इलाहाबाद और उसके आसपास के इलाकों में खूब दहशत फैलाई. फिर खौफ का इलाका ऐसा बढ़ा कि हाथ अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन तक जा पहुंचे.
खान मुबारक के आपराधिक इतिहास के पीछे उसका बड़ा भाई भी बहुत मायने रखता है. खान मुबारक का बड़ा भाई जफर सुपारी अंडरवर्ल्ड का नामी बदमाश रहा. खान मुबारक की पैदाइश अंबेडकर नगर जिले के हसवर थाना क्षेत्र के गांव हरसम्हार की है. खान मुबारक के भाई जफ़र सुपारी ने 15 साल की उम्र में ही हत्या कर अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था.
खान मुबारक का शुरुआती जीवन सामान्य रहा, स्कूलिंग ख़त्म कर वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने पहुंचा. पढ़ाई के दौरान ही खान मुबारक का नाम जुर्म की किताबों में लिखा गया. कहा जाता है कि खान मुबारक ने एक क्रिकेट मैच के दौरान अंपायर पर गोली चला दी थी. कारण था कि उसने खान मुबारक को रन आउट करार दे दिया था.
इसके बाद साल 2006 में खान मुबारक का नाम कथित तौर पर एक डाकखाने की डकैती में सामने आया. फिर खान मुबारक की अदावत मुन्ना बजरंगी के साथ बढ़ी. हालांकि, खान मुबारक उन दिनों अपने बड़े भाई जफ़र सुपारी के साथ जुड़ चुका था. खान मुबारक का नाम तब तेजी से सामने आया जब मुंबई में 2006 में काला घोड़ा हत्याकांड हुआ.
छोटा राजन गिरोह ने दिनदहाड़े इस पूरे हत्याकांड को अंजाम दिया था. जिसमें खान मुबारक ने कई साथियों के साथ मिलकर एक पुलिस वैन में बंद दो आरोपियों को गोलियों से भून दिया था. इस मामले के बाद साल 2007 में एक कैश वैन लूटकांड में एसटीएफ ने खान मुबारक को गिरफ्तार किया था. इसी मामले में पूछताछ के दौरान खान मुबारक ने काला घोड़ा हत्याकांड का खुलासा किया था.
साल 2007 में कैश वैन लूटकांड में खान मुबारक पांच साल नैनी जेल में बंद रहा. जब 2012 में बाहर आया तो फिर से अंबेडकर नगर में रंगदारी और जबरन वसूली का काम शुरू किया, वहीं शूटर ओसामा की हत्या में नाम सामने आया. इसके बाद खान मुबारक ने जिले के भट्ठा कारोबारी एनुद्दीन की मौत हो गई. इस मामले सहित कई अन्य केस में भी खान मुबारक जेल गया लेकिन सबूत और गवाह न मिलने पर 2016 में बाहर आ गया.
साल 2017 में बसपा नेता जुरगाम मेहंदी पर जानलेवा हमला कराया, इसमें मेहंदी को आधा दर्जन गोली लगी पर किस्मत से वह बच गए. इसके बाद उसे लखनऊ से यूपी एसटीएफ ने खान मुबारक को अरेस्ट कर लिया गया. फिर एक साल बाद 2018 में जुरगाम मेहंदी पर फिर हमला हो गया और मेहंदी की मौत हो गई.
कथित तौर पर खान मुबारक को इस हत्या का जिम्मेदार माना गया. खान मुबारक पर करीब दो दर्जन मामले दर्ज हैं और पहले वह फैजाबाद जेल में रहा लेकिन अभी वह हरदोई जेल में बंद है. यूपी सरकार बीते कई सालों से खान मुबारक की करोड़ों की संपत्ति कुर्क कर चुकी है और समय-समय पर उसके वीडियो वायरल होते रहे हैं.
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