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उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की वजह आई सामने…नैनीताल हाईकोर्ट कॉलोनी भी चपेट में, मदद को पहुंची सेना, इतनी हुई आर्थिक क्षति

इंडियन एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर MI 17 की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है. पिछले 24 घंटे में आरक्षित वनों में 29 और सिविल या वन पंचायतों में दो वन में आग की घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

Uttarakhand Forest Fire

फोटो-सोशल मीडिया

Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड के जंगल में आग ने विकराल रूप ले लिया है और तेजी से आगे बढ़ रही है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को इस आग ने नैनीताल में हाईकोर्ट कॉलोनी को भी अपनी चपेट में ले लिया है. इसके विकराल रूप को देखते हुए अब सेना की मदद ली गई है. तो दूसरी ओर रूद्रप्रयाग जिले के जखोली जंगल में आग लगाने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. वहीं गिरफ्तार आरोपियों ने आग लगाने के लिए चौंकाने वाली वजह बताई है.

आग पहुंच गई है भवनों के पास तक

इस सम्बंध में रूद्रप्रयाग के प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि वनों में आग को रोकने के लिए गठित सुरक्षा दल द्वारा यह कार्रवाई की गई. विज्ञप्ति में ये भी कहा गया है कि जखोली के तड़ियाल गांव के भेड़पालक नरेश भट्ट को जंगल में आग लगाते हुए से मौके से पकड़ा गया है. उसने पूछताछ में बताया है कि बकरियों को चराने के लिए नई घास उगाने के लिए उसने जंगल में आग लगाई. वहीं क्षेत्र के निवासी और सहायक रजिस्ट्रार अनिल जोशी ने कहा, पाइन्स के पास स्थित एक पुराने और खाली घर को आग ने अपनी चपेट में ले लिया है, इससे हाई कोर्ट कॉलोनी को कोई नुकसान नहीं हुआ है लेकिन यह खतरनाक रूप से भवनों के पास पहुंच गई है. उन्होने बताया कि शाम से ही आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है.

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24 घंटे में आग लगने की 31 घटनाएं आई सामने

चौंकाने वाली बात ये है कि पिछले 24 घंटों में विभिन्न स्थानों पर जंगलों में आग लगने की 31 नई घटनाएं सामने आईं, जिनमें 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है. तो वहीं नैनीताल जिला मुख्यालय के पास के जंगलों में लगी आग ने अब विकराल रूप ले लिया है और पाइन्स क्षेत्र में स्थित हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गई है. अब इस पर काबू पाने के लिए सेना को बुलाया गया है. तो वहीं भीषण आग से जंगल जलकर खाक हो गए हैं. नैनीताल के लड़ियाकाटा का जंगल जल कर खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है. तो वहीं नैनीताल भवाली सड़क में आग के धुंए के कारण कई घंटों तक यातायात प्रभावित रहा. तेज हवाओं के कारण दमकल विभाग की टीम को आग पर काबू पाने के लिए घंटों से मशक्कत कर रही है.

सीएम ने दिए निर्देश

बढ़ती आग को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को जल्द से जल्द आग बुझाने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं. वन विभाग के कर्मचारियों के साथ ही सेना के जवान भी आग पर नियंत्रण पाने में लगे हुए हैं. हेलीकॉप्टर की मदद से आग बुझाने का काम किया जा रहा है. वहीं पाइन्स के पास ही स्थित भारतीय सेना के संवेदनशील क्षेत्र तक आग के पहुंचने की सम्भावना को देखते हुए आग पर जल्द काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है. नैनी झील में नौकायन पर रोक लगा दी गई है. नैनीताल के प्रभागीय वन अधिकारी चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि आग को बुझाने के लिए हमने मनोरा रेंज के 40 कार्मिक तथा दो वन रेंजरों की तैनाती की है.

24 घंटे में इन क्षेत्रों से सामने आई 26 घटनाएं

आग की घटनाओं को लेकर वन विभाग ने दैनिक बुलेटिन जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में वन में आग लगने की 26 घटनाएं कुमाउं क्षेत्र में तो वहीं पांच घटनाएं गढ़वाल क्षेत्र में हुईं हैं. इस घटना में 33.34 हैक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ. इन घटनाओं में 39,440 रुपये की आर्थिक क्षति होने का आंकलन किया गया है. बुलेटिन में ये भी बताया गया है कि पिछले साल एक नवंबर से अब तक प्रदेश में वन में आग लगने की कुल 575 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है और 14,41,771 रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ.

आग पर काबू पाने के लिए ली जा रही है इनकी मदद

नैनीताल में इंडियन एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर MI 17 की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है. पिछले 24 घंटे में आरक्षित वनों में 29 और सिविल या वन पंचायतों में दो वन में आग की घटनाएं सामने आने के बाद उत्तराखंड का पूरा शासन-प्रशासन हिला हुआ है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक अभी तक कुल 33.34 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हो चुका है. फिलहाल जनहानि की कोई खबर नहीं है.

-भारत एक्सप्रेस



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