गंगा घाट पर आरती करते विभु
विजय श्रीवास्तव
UP News: जब आप अपने लक्ष्य क़ो निर्धारित कर लेते हैं और उसे पाने कि दिशा में दिन-रात जुट जाते हैं तो मंजिल आपसे फिर दूर नहीं रहती. कुछ ऐसा ही हुआ है उत्तर प्रदेश के बदायुं निवासी विभु उपाध्याय के साथ. प्रतिदिन नियम से मां गंगा की आरती करने वाले विभु ने नीट की परीक्षा में सफलता हासिल कर न केवल माता-पिता, बल्कि अपने जिले का भी नाम रोशन कर दिया है. विभु जिले के कछला गंगा घाट पर वाराणसी की तर्ज पर होने वाली गंगा महा आरती करते हैं और गंगा के बड़े भक्त हैं. बता दें कि, विभु ने 622वीं रैंक हासिल किया है.
मां गंगा के आशीर्वाद से मिली सफलता
यूपी के बदायूँ जिले की छोटी सी नगर पंचायत कछला के रहने वाले विभू उपाध्याय कहते हैं कि उनको ये सफलता मां गंगा के आशीर्वाद से मिली है. विभु कछला गंगा घाट पर होने वाली महाआरती में पुरोहित का भी काम देखते हैं, जिसके साथ-साथ वह नीट की तैयारी भी कर रहे थे. विभु उपाध्याय ने भारत एक्सप्रेस से खास बातचीत में बताया कि, यह सब मां गंगा के आशीर्वाद से हुआ है. वह 2019 से लगातार मां गंगा की सेवा कर रहे हैं और नियमित रूप से मां गंगा की शाम क़ो होने वाली महा आरती करते हैं. आज गंगा मां के आशीर्वाद से नीट की परीक्षा में सफलता मिली है. परीक्षा में सफलता हासिल करने को लेकर वह अपने परिवार और अपने बड़े भाई हर्षित उपाध्याय को भी श्रेय देते हैं.
2019 में ही हुई थी गंगा आरती की शुरुआत
अपनी खुशी जाहिर करते हुए विभु उपाध्याय के माता-पिता कहते हैं कि मां गंगा की कृपा से हमारा पूरा परिवार कछला गंगा घाट पर मां गंगा की सेवा करता है. उन्हीं के आशीर्वाद से हमारे घर में खुशी आई है और हमारे बच्चे ने नीट की परीक्षा पास की है. पिता हरेंद्र उपाध्याय कहते हैं कि मां गंगा की कृपा से हम सब कछला गंगा घाट पर सेवा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2019 में तत्कालीन जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने गंगा आरती की शुरुआत की थी और तभी से विभु लगातार मां गंगा की सेवा कर रहा है.
जानें विभु के पांच मूंलमंत्र
विभु उपाध्याय नें बताया कि, वह हर रोज 6 से 7 घंटे पढ़ते थे. साथ ही कॉलेज जाने से पहले वह अपने हर विषय क़ो नोट करते थे और किस विषय में कितनी देर तक तैयारी करनी है, इसके लिए टाइम टेबल बनाया था. विभु ने बताया, “जब मैं नीट परीक्षा की तैयारी कर रहा था तो इस दौरान जो सब्जेक्ट नोट्स मुझे मिलते थे उसमें ज्यादा पेज हुआ करते थे. उसे मैं शॉर्ट लिस्ट करके दो या तीन पेज में कर लेता था, जिससे मुझे तैयारी करने में आसानी हुई.”
विभु उपाध्याय ने यह भी बताया की मेरी हर रोज की दिनचर्या में यह तय था कि मुझे किस समय कौन सा कार्य करना है. किस समय खाना खाना है और किस समय सोना है और कितने घन्टे पढ़ाई करनी है. मैं अपने तय समय के अनुसार सारे कार्य करता हूँ. मैं हर दिन पढ़ाई के लिए अपना टारगेट लिख लेता था कि मुझे बायोलॉजी में कितना काम करना है, फिजिक्स में कितना समय देना और केमेस्ट्री में कितना काम करना है. इस टारगेट क़ो मुझे हर रोज पूरा करना था और मैं करता भी था.
-भारत एक्सप्रेस
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