पूर्व पीएम भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)
इजरायल (Israel) और फिलिस्तीन के बीच एक साल से चल रहे युद्ध में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. लाखों लोगों को अपना घर छोड़कर शरणार्थी कैंपों में रहना पड़ रहा है. गाजा पट्टी में भुखमरी फैल गई है. हालात ऐसे हो चुके हैं कि आधे से ज्यादा आबादी दूसरे देशों से मिलने वाली मदद पर गुजर-बसर कर रही है. फिलिस्तीन पर इजरायली सेना लगातार हमले कर रही है.
जब इजरायल (Israel) और फिलिस्तानी के बीच पिछले साल युद्ध शुरू हुआ था, तब भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबु अलहैजा ने भारत से खास गुहार लगाई थी कि भारत, इजरायल और फिलिस्तीन दोनों का ही दोस्त है. इसलिए भारत को गाजा पट्टी में मौजूदा संकट को हल करने के लिए जरूर हस्तक्षेप करना चाहिए. अदनान अबु अलहैजा ने तब कहा था कि “भारत को पता है कि फिलिस्तीनी मुद्दा क्या है? महात्मा गांधी के समय से भारत इस बारे में जानता है. इसी बीच पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का एक वीडियो इंटरनेट पर जमकर वायरल हुआ था. ये वीडियो आज भी इंटरनेट पर खूब देखा जा रहा है.”
अटल बिहारी ने क्या कहा था?
वीडियो में अटल बिहारी वाजपेयी दिल्ली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं. जिसमें वह कहते हैं कि “अरबों की जिस जमीन पर इजरायल (Israel) कब्जा करके बैठा है, वो जमीन उसको खाली करनी होगी. आक्रमणकारी आक्रमण के फलों का उपभोग करे, ये हमें अपने संबंध में स्वीकार नहीं है. तो जो नियम हम पर लागू है, वो औरों पर भी लागू होगा. जो फिलिस्तीन है और जो फिलिस्तीनी हैं, उनके उचित अधिकारों की प्रस्थापना होना चाहिए. इजरायल (Israel) के अस्तित्व को सोवियत रूस, अमेरिका ने भी स्वीकार किया है. हम भी स्वीकार कर चुके हैं.”
‘For permanent peace in the Middle-East, Israel must vacate Palestinian land it has illegally occupied.’
— Atal Bihari Vajpayee, when he became India’s External Affairs Minister, at a rally in Delhi in March 1977. 2/3 pic.twitter.com/Fildbp9qiD
— Sudheendra Kulkarni (@SudheenKulkarni) October 8, 2023
भारत ने निभाई थी अहम भूमिका
भारत और फिलिस्तीन के बीच के रिश्ते ऐतिहासिक और गहरे रहे हैं. 1970 के दशक में, जब यासिर अराफात फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन के नेता थे, तब उनके और भारत के बीच के संबंध काफी मजबूत थे. 1988 में, जब फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी गई, तब भारत ने इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, उस समय भारत ने फिलिस्तीनी राज्य की स्वतंत्रता की मांग का समर्थन किया, और इस तरह वैश्विक मंच पर फिलिस्तीन के अधिकारों के लिए अपनी आवाज उठाई.
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-भारत एक्सप्रेस
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