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‘आजम खान को MLA पद से हटाने की इतनी जल्दी क्यों?’ सुप्रीम कोर्ट ने पूछा

सुप्रीम कोर्ट ने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां की विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने की मांग को लेकर यूपी सरकार व केंद्रीय चुनाव आयोग से नटिस जारी कर जवाब मांगा है.

सुप्रीम कोर्ट ने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां की विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने की मांग को लेकर यूपी सरकार व केंद्रीय चुनाव आयोग से नटिस जारी कर जवाब मांगा है. बता दें कि भड़काऊ भाषण देने के मामले में आजम खां की तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश की गई महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद से खां की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है और उनकी याचिका को चुनाव आयोग के स्थायी वकील को भी देने को कहा गया है. मामले की अगली सुनवाई नौ नवंबर को होने वाली है. प्रसाद ने दलील दी कि आजम को अयोग्य ठहराने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुरूप है. इस पर पीठ ने उनसे कहा कि याचिकाकर्ता को अयोग्य ठहराने की इतनी क्या जल्दी थी? आपको कम से कम उन्हें कुछ वक्त देना चाहिए था.

सपा नेता के वकील पी. चिदंबरम ने कहा कि मुजफ्फरनगर जिले के खतौली से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी को भी 11 अक्टूबर को दोषी ठहराया गया और दो साल की सजा सुनाई गई थी. लेकिन उनकी अयोग्यता पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में चुनाव आयोग 10 नवंबर को रामपुर सदर सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा करते हुए गजट अधिसूचना जारी करने वाली है. उन्होंने कहा कि सेशन कोर्ट के जज कुछ दिनों के लिए छुट्टी पर हैं और इलाहाबाद हाईकोर्ट बंद है, इसलिए वह अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ वहां नहीं जा सकते है. इस पर पीठ ने प्रसाद से जवाब मांगा है कि खतौली विधानसभा सीट के मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई.

-भारत एक्सप्रेस



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