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World Cancer Day: दुनिया में हर साल 4 फरवरी को कैंसर डे मनाया जाता है. कैंसर डे मनाने का सबसे बड़ा कारण है कि आम लोगों को कैंसर को लेकर जागरूक करना और इसके लक्षण, बचाव के बारे में जानकारी देना. कैंसर डे पहली बार वर्ष 1933 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल पर जिनेवा, स्विट्जरलैंड में मनाया गया था. तबसे आज तक कैंसर डे हर साल नई थीम जारी के साथ मनाया जाता है.
दुनिया में हर साल विश्व कैंसर दिवस मनाने के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है. इस बार की थीम क्लोज द केयर गैप (Close The Care Gap) है.
कैंसर को लेकर दुनिया में कई गलतफहमी फैली हुई हैं. लोगों को लगता है की ये छूने से भी फैलता है. जिसके वजह से लोग कैंसर पीड़ितों से अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं, जो कि पूरे तरीके से गलत है. कैंसर कभी छूने से नहीं फैलता हैं.
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हर साल कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार, वर्ष 2014 में 59,431, वर्ष 2015 में 62,651, वर्ष 2016 में 66,040, 2017 में 69607 एवं 2018 में 73,361, 2019 में 73,781, 2020 में 74,142, 2021 में 74,894, वर्ष 2022 में 75,489 एवं वर्ष 2023 में लगभग 76 हजार लोगों की कैंसर के कारण मौत हुई है.
विश्व कैंसर दिवस के माध्यम से लोगो को जागरूक किया जाता है ताकि दुनियाभर में कैंसर के बढ़ते मामलों पर अंकुश लग सके. जिससे लोग समय रहते कैंसर रोग को का पता लगा सके एवं समय पर इलाज मिले. सभी नागरिको तक कैंसर रोग के उपचार हेतु चिकित्सा सहायता एवं अन्य सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाता है. विश्व कैंसर दिवस इस रोग के बारे में पीड़ित के केयर के लिए सहयोग प्रदान करने हेतु प्रमुख है. साथ ही इस दिवस के माध्यम से सभी नागरिकों के सहयोग से इस रोग के वैश्विक उन्मूलन हेतु संकल्प लिया जाता है.
विशेषज्ञों के अनुसार कैंसर के उपचार और प्रबंधन में रोग निवारण और निवारक जीवन शैली पर ध्यान केंद्रित करने वाली एकीकृत एवं व्यापक रणनीति विकसित करते हुए सभी हितधारकों को इसमें शामिल करना वक्त की मांग है.
शुक्रवार को ‘कैंसर समिट 2023’ के चौथे संस्करण में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के पूर्व प्रमुख के. रथ ने कहा, ‘‘कैंसर की रोकथाम और शुरुआती पहचान के लिए सेवाएं प्राप्त करने में आने वाली कुछ चुनौतियों का समाधान प्राथमिक स्वास्थ्य पेशेवरों को आवश्यक कैंसर ज्ञान, कौशल और जानकारी से लैस करके किया जा सकता है.’’ विश्व कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर आईएचडब्ल्यू काउंसिल एवं रैपिड ग्लोबल कैंसर अलायंस के सहयोग से शुक्रवार को ‘‘यूनाइटिंग वॉयसेस एंड टेकिंग एक्शन’’ शीर्षक से सम्मेलन का आयोजन किया गया था.
-भारत एक्सप्रेस
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