खतौली विधानसभा सीट के लिए 5 दिसंबर को होगी वोटिंग
उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव आयोग ने आज इस सीट पर उपचुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. इसके लिए 5 दिसंबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को इसके नतीजे आएंगे.
बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी को मुजफ्फरनगर दंगे में एमपी-एमएलए कोर्ट से 2 साल की सजा मिलने के बाद खाली हुई खतौली विधानसभा सीट के लिए 10 नवंबर से नामांकन प्रकिया शुरु हो जाएगी जिसके लिए 17 नवंबर तक प्रत्याशी आवेदन कर सकते हैं. नामाकंन फॉर्म की जांच 21 नवंबर तक पूरी की जाएगी. जिसके बाद 5 दिसंबर को मतदाता वोट डालेंगे और 8 दिसंबर को इसका रिजल्ट आएगा.
क्या है मुजफ्फरनगर सीट का सियासी गुणा-गणित
पश्चिमी यूपी में मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट काफी अहम है. किसान, जाट और मुसलमान बाहुल वोटर्स वाले इस इलाके में आरएलडी का पहले चुनाव से ही दबदबा रहा है. इस सीट पर पहली बार 1967 में विधानसभा चुनाव हुआ था. तब ही से इस सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और उनके बाद चौधरी अजीत सिंह की पार्टी का वर्चस्व रहा है. हालांकि पिछले 2 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज करके आरएलडी के गढ़ में सेंधमारी की है.
2017 विधानसभा और 2022 चुनाव में मुजफ्फरनगर दंगों को भुलाकर 2,72,214 मतदाताओं ने बीजेपी को जीत दिलाई थी. इन दोनों चुनावों में बीजेपी ने विक्रम सिंह सैनी को मैदान में उतारा था. विक्रम सिंह ने आरएडली और सपा के प्रत्याशियों के सामने लगभग एकतरफा जीत हासिल की थी.
जैसा कि अब 2013 मुजफ्फरनगर दंगों में दोषी पाए गए विक्रम सिंह की विधायकी जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में आरएडली और सपा के पास बड़ा मौका होगा इस सीट पर जीत दर्ज करके बीजेपी के एक विधायक को कम करने का.
खासतौर पर पश्चचिमी यूपी में मुजफ्फरनगर सीट पर अपना बड़ा वोट बैंक रखने वाली रालोद के पास इस चुनाव को जीतकर इस सीट पर अपना अस्तित्व बचाने की बड़ी चुनौती होगी. बता दें जयंत चौधरी ने ही आजम खान की विधायकी जाने के बाद यूपी स्पीकर सतीश महाना को पत्र लिखकर बीजेपी विधायक विक्रम सिंह के इस्तीफे की मांग की थी. जिसके बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
-भारत ए्क्सप्रेस