सावधान! निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की खैर नहीं
वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में निजी प्रैक्टिस करने को लेकर तैनात डॉक्टरों पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. ट्रामा सेंटर में कोई भी डॉक्टर अगर निजी प्रैक्टिस करता पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जा जाएगी. IMS निदेशक द्वारा पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी गई है. निजी प्रैक्टिस की शिकायत मिलने पर तत्काल डॉक्टर का निलंबन होगा. साथ ही नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी. बता दें कि IMS के विभागों से जुड़े सभी चिकित्सकों से इस आशय का एक शपथ पत्र भी मांगा गया है.
दरअसल, बीएचयू के डॉक्टरों की अस्पताल के बाहर निजी प्रैक्टिस की शिकायत मिल रही थी. जिसके बाद पब्लिक ग्रीवांस पोर्टल पर एक युवक ने इसकी शिकायत की थी. वहीं बीएचयू के पास भी इससे संबंधित मामला सामने आने पर जांच शुरू की गई. जिसके बाद डॉक्टरों पर जवाब देने की कार्रवाई शुरू हो गई है.
IMS निदेशक प्रो. एसके सिंह ने विभागध्यक्षों, अस्पताल के एमएस और ट्रामा सेंटर के प्रोफेसर इंचार्ज को पत्र भेजा है. इसके अलावा एक शपथ पत्र भी साथ दिया है. बात दें कि एक सप्ताह के अंदर सभी डॉक्टरों से शपथ पत्र भरवाकर उसे IMS निदेशक कार्यलय में जमा करने को कहा गया है. इस पत्र के डॉक्टरों के बीच में पहुंचते ही हड़कंप मच गया है. अगर ऐसा करते पाए गए तो निलंबन के साथ ही अन्य दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.
शपथ पत्र में क्या जानकारी मांगी गई ?
दरअसल, जो शपथ पत्र IMS की तरफ से भरकर मांगा गया है. उसमें डॉक्टरों का नाम, पद, संस्थान का पता, स्थायी/आवासीय पते के साथ ही मोबाइल नंबर, आधार कार्ड नंबर, पैन नंबर और ईमेल आईडी भी देना होगा. इसमें डॉक्टरों को ये जानकारी देनी होगी कि वह बीएचयू के अलावा किसी और जगह निजी प्रैक्टिस नहीं करते हैं. साथ ही यह भी देना होगा कि बीएचयू में सेवा अवधि के दौरान भी ऐसा नहीं करेंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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