नई दिल्ली – देश के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कृषि उड़ान योजना को बढ़ावा देने के लिए एक नायाब पहल की है. मंत्रालय ने कार्गो विमानों के लिए 21 घरेलू हवाईअड्डों पर लैंडिंग, पार्किंग और नेविगेशन शुल्क की पूर्ण छूट प्रदान की है. इन हवाईअड्डों में अगरतला, देहरादून, डिब्रूगढ़, दीमापुर, रांची, शिमला और बाकी एयरपोर्ट शामिल हैं.
मंत्रालय ने कहा कि वह हवाई परिवहन ने कृषि-उत्पाद की आवाजाही को आसान बनाने और बढ़ावा करने के लिए, एयरपोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) भारतीय मालवाहकों के लिए लैंडिंग, पार्किंग शुल्क, टर्मिनल नेविगेशन लैंडिंग शुल्क (टीएनएलसी) और भारतीय मालवाहकों और पी2सी (यात्री-से-कार्गो) विमानों के लिए रूट नेविगेशन सुविधा शुल्क (आरएनएफसी) पूरी तरह से छूट प्रदान करता है।
कृषि उड़ान योजना 2.0 की घोषणा 27 अक्टूबर, 2021 को मौजूदा प्रावधानों को बढ़ाते हुए की गई थी, जिसमें मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों, उत्तर-पूर्वी राज्यों और आदिवासी क्षेत्रों से खराब होने वाले खाद्य उत्पादों के परिवहन पर ध्यान केंद्रित किया गया था.
अगस्त के पहले सप्ताह में संसद के एक जवाब के अनुसार, 58 हवाईअड्डों को पहले से ही कृषि उड़ान 2.0 के तहत कवर किया गया था. देश में सभी खराब होने वाली वस्तुओं को कृषि उड़ान योजना के तहत कवर किया गया है. यह योजना किसानों को कृषि उत्पादों के परिवहन में सहायता करती है ताकि यह उनको कीमत दिलाने में मदद करे. कृषि उड़ान योजना जरूरत के अनुसार खराब होने वाली कृषि उपज के लिए हवाई परिवहन और रसद सहायता प्रदान करती है.
-आईएएनएस/ भारत एक्सप्रेस
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