न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के मामले सुप्रीम कोर्ट 6 जनवरी को सुनवाई करेगा. पंजाब सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल ने कोर्ट से समय की मांग की जिसके बाद कोर्ट ने पंजाब सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई है. कोर्ट ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी से अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने पंजाब सरकार से कहा कि क्या आपने कभी किसानों को बताया है कि हमने किस उद्देश्य के लिए समिति का गठन किया है. कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आपका रवैया सुलह का नहीं है. कोर्ट ने कहा कि गैर-जिम्मेदाराना बयान देने वाले लोग तथाकथित किसान नेता हैं. एडवोकेट जनरल ने कहा कि राज्य इसकी जांच करेगा. हमें कुछ समय दे दिया जाए. हम जमीन पर हैं, मेरे अधिकारी अदालत के समक्ष हैं. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अगर अधिकारी वहां हैं, तो हमें उम्मीद है कि हमारा संदेश उन तक पहुंच गया है. एजी ने कहा कि हम स्थिति पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं.
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मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से कहा कि आप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हमारे पास पूर्व न्यायधीशों की एक समिति है, जिनकी जड़ें पंजाब से हैं. वे सभी विद्वान लोग हैं. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम एक व्यक्ति के स्वास्थ्य तक ही सीमित हैं. केंद्र सरकार को किसानों की चिंता है. कोर्ट ने एडवोकेट जनरल से कहा कि आपके मीडिया द्वारा जानबूझकर स्थिति को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है. हमारा निर्देश यह नहीं था कि वह अपना उपवास तोड़ें. हमारी चिंता यह थी कि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे. वह फिलहाल किसी भी राजनीति से जुड़े पूर्व नेता नहीं हैं.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने डल्लेवाल को अस्पताल न ले जाने पर पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना की थी. कोर्ट ने कहा था कि किसान नेता को अस्पताल जाने से रोकने वाले आंदोलनकारी आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध में दोषी हो सकते हैं. पंजाब सरकार ने कहा था कि उन्हें आंदोलनकारी किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा, जिससे डल्लेवाल को अस्पताल ले जाना संभव नहीं हो सका. कोर्ट ने पंजाब सरकार, मुख्य सचिव और डीजीपी को सुप्रीम कोर्ट के 20 दिसंबर के आदेश को हर हाल में पालन करने को कहा था. कोर्ट इस मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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