देव-दीपावली पर जगमगाया उत्तर प्रदेश का संगम तट, दीपों, रंगोलियों, फूलों से और भव्य हुआ प्रयागराज का रूप..साक्षी बने हजारों-हजारों दर्शनार्थी..
प्रयागराज. 7 नवंबर 2022. देव दीपावली की धवल आभा से उत्तर प्रदेश का संगम तट जगमगा गया. दीपों, रंगोलियों, फूलों से निखर गया प्रयागराज का अनोखा भव्य रूप जिसके साक्षी बने देश-विदेश से आये हजारों हजारों दर्शनार्थी.
गंगा-यमुना-सरस्वती का संगम तट देवदीपावली के अवसर पर ऐसा सजा कि देखने वालों की आँखें चौंधिया गईं. आज सोमवार की शाम देव दीपावली पर जगमगाती दीपमालाओं की स्वर्णिम आभा ने रेत पर टिमटिमाते तारों का नया आसमान सजा दिया. जगमगाते दीपों की अल्पनाओं में राष्ट्रीय मुद्दे, नारे और संदेशों के भावों को बड़ी ही खूबसूरती से सजाया गया.
प्रयागराज शहर में चारों तरफ दीपों में कलाकृतियां सजाई गईं थीं. कहीं भारत माता के सुंदर चेहरे को दर्शाती कलाकृतियां सजाई गईं तो कहीं पर तिरंगे और वंदेमातरम सहित एक भारत श्रेष्ठ भारत के नारे भी प्रज्ज्वलित दिखाई दिये. प्रयागराज के पवित्र संगम तट पर स्वस्छ भारत की परिकल्पना भी सज्जित हुई और तो और बेटी पढ़ाओ-बेटी बढ़ाओ के नारे को भी यहां दीपमलिकाओं की सुंदर सज्जा मिली.
एक किलोमीटर से अधिक की परिधि में संगम तट पर देव दीपावली के अवसर पर सजाई गईं दीपमालाएं दिखाई दीं और त्रिवेणी के गले में दीपों के मुक्ताहार की भांति उनकी ज्योति से मानो आकाश भी दमक उठा.
देव दीपावली के अवसर चांदनी रात में आज दीपों की आभा से जगमगाया संगम तट देखते ही बनता था. भारतीय संस्कृति के आध्यात्मिक समागम के रूप में सदियों से विश्वविख्यात संगम की रेत आज सोमवार की सांझ देश-विदेश से आये दर्शकों के लिये एक विशेष आकर्षण का केन्द्र थी. दीपोत्सव के अनंत उपहारों की भाँति सजी हुई प्रयागराज नगरी में शंखध्वनि के साथ दीपोत्सव का श्रीगणेश हुआ. नगर की सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ ही साथ स्कूलों-कॉलजों और सरकारी विभागों के कर्मचारी दीप और प्रकाश के इस उत्सव को साकार रूप देने में दिन-रात लगे रहे. और उसका परिणाम ये हुआ कि आज देव-दीपावली के स्मरणीय अवसर पर भांति-भांति की मनोहारी आकृतियों और लाल-गुलाबी अल्पनाओं से बनी रंगोलियाँ और गेंदे-गुलाब की पंखुड़ियों से सजे संदेश और नारे इस पर्व की सुन्दरता पर चार चांद लगा रहे थे.