

26/11 आतंकी हमलों के मास्टर माइंड तहव्वुर राणा को एनआईए कस्टडी खत्म होने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह की अदालत में पेश कर कहा कि राणा से अब पूछताछ की आवश्यकता नही है, लिहाजा उसे न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया जाए, जिसके बाद कोर्ट ने राणा को 6 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
इससे पहले राणा का पटियाला हाउस कोर्ट में हैंडराइटिंग के नमूना लिया गया था. बता दें कि अदालत ने एनआईए की मांग पर पिछले दिनों तहव्वुर राणा के आवाज़ और हैंडराइटिंग के नमूने लेने की एनआईए को अनुमति दे दिया था. इससे पहले कोर्ट ने तहव्वुर राणा की उस अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसमें तहुव्वर राणा ने अपने परिवार से फोन पर बातचीत की इजाज़त मांगी थी.
राणा के खिलाफ जांच अहम चरण में
एनआईए ने राणा की अर्जी का विरोध करते हुए इसे खारिज करने की मांग किया था. एनआईए का कहना था कि राणा के खिलाफ जांच अहम चरण में है. ऐसे में अगर उसे घरवालों से बातचीत की इजाजत मिलती है. तो वह कुछ अहम जानकारी लीक कर सकता है.
मामले की सुनवाई के दौरान तहव्वुर राणा के वकील ने दलील दी थी कि एक विदेशी नागरिक के तौर पर यह उसका मौलिक अधिकार है कि वह अपने परिवार से बात करे, जो हिरासत में रहने के दौरान उसके साथ हो रहे व्यवहार को लेकर चिंतित हैं. मालूम हो कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी देने के बाद उसे भारत लाया गया है.
अदालती आदेश से वह पूछताछ के लिए अभी एनआईए की हिरासत में है. भारत में राणा के खिलाफ भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हत्या करने, जालसाजी के दो मामलों को अंजाम देने और आतंकवादी कृत्य करने सहित विभिन्न अपराधों को अंजाम देने का आरोप है.
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-भारत एक्सप्रेस
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