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तलाक समझौते के बाद पूर्व पति पर केस, दिल्ली अदालत ने महिला के खिलाफ शुरू की कार्यवाही

दिल्ली की निचली अदालत ने तलाक के समझौते के बाद भी पति पर आपराधिक मामला दर्ज करने वाली महिला के खिलाफ स्वतः संज्ञान लिया है. अदालत ने महिला पर कोर्ट को गुमराह करने और कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग का आरोप लगाया है.

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दिल्ली की निचली अदालत ने हाल ही में तलाक की कार्यवाही के तहत तय समझौते का आधा हिस्सा देने के बावजूद अपने अलग हुए पति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए एक महिला के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाही को शुरू किया है.

न्यायाधीश रईस खान ने कहा कि इस तरह के आचरण को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. इसे शुरू में ही रोक देना चाहिए. उन्होंने महिला के खिलाफ अलग से कार्यवाही शुरू की और उसे अगली तारीख तक जवाब देने का निर्देश दिया. कोर्ट 30 जून को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया जाता महिला ने समझौते के हिस्से के रूप में 10 लाख रुपए लिए थे. साथ पारिवारिक अदालत द्वारा तय शर्तों का पूरी तरह से पालन किए बिना इसका लाभ उठाया है. यह प्रथम दृष्टया न केवल पारिवारिक अदालत के आदेश और उसके समक्ष दिए गए शिकायतकर्ता की शपथ पत्र पर दिए गए वचन का उल्लंघन है, बल्कि पक्षों के बीच हुए समझौते और उक्त समझौते के तहत उसे प्राप्त लाभ का उल्लेख किए बिना वर्तमान याचिका दाखिल करके इस अदालत को धोखा देने की कोशिश की है.

कोर्ट को गुमराह करने और तथ्यों को छिपाने का आरोप

अदालत के समक्ष तथ्यों को छिपाकर झूठा हलफनामा दाखिल करने के समान है. साथ ही यह कानूनी प्रक्रिया का.सरासर दुरुपयोग और महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए प्रावधानों का दुरुपयोग है. इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता.

अदालत ने इसे देखते हुए शिकायतकर्ता महिला के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 (अदालत द्वारा जांच) के साथ धारा 195 (1)(बी)(अदालत की संज्ञान लेने की शक्ति) के तहत अलग.से कार्यवाही करने का निर्देश दिया है. दंपति ने आपसी सहमति से तलाक के लिए अर्जी दी थी. उसको लेकर 22 नवंबर 2022 को पहले प्रस्ताव पर आदेश पारित किया गया था. समझौते के तहत महिला को कुल 19 लाख मिलने थे.

शुरुआत में उसे 10 लाख रुपए का भुगतान किया गया और पति के कहा कि वह बाकी राशि भी दे देगा. अदालत ने पाया जाता दोनों पक्षों के बीच सभी विवाद पारिवारिक अदालत के समक्ष सुलझा लिए गए थे. लेकिन जब उसने अपने पति के खिलाफ आपराधिक मामला दाखिल किया तो इस महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपा लिया.

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-भारत एक्सप्रेस 



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