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Uttar Pradesh: मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने से जुड़े मामले की 28 नवंबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, राज्य सरकार ने दाखिल किया जवाब

Muzaffarnagar Student Slapping Case: मुजफ्फरनगर में मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) 28 नवंबर को सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि हमने 20 नवंबर को मामले में जवाब दाखिल कर दिया है.

केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि जवाब अभी तैयार नहीं हुआ है. जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए समय दे दिया.

महात्मा गांधी के पोते ने दायर की याचिका

कोर्ट महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी (Tushar Gandhi) की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है. इस मामले में कोर्ट पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगा चुका है. कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले को जिस तरह से संभाला, उसपर उसे गंभीर आपत्ति है.

कोर्ट ने कहा था कि शिक्षक एक समुदाय को निशाना बना रहे हैं. हम इसकी गहराई में जाएंगे. कोर्ट ने कहा था कि क्या शिक्षक छात्रों को इसी तरह पढ़ाते हैं. क्या यही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा है. राज्य को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. क्या स्कूल ने बच्चे के लिए कोई परामर्शदाता नियुक्त किया है. यदि ऐसी घटना हुई है तो इसे राज्य की अंतरात्मा को झकझोर देना चाहिए. यह एक गंभीर मुद्दा है.

कोर्ट ने खारिज कर दी याचिका

हाल ही में मुजफ्फरनगर की विशेष अदालत ने एक मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने के मामले में एक स्कूल टीचर की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत गठित एक अदालत की विशेष न्यायाधीश अलका भारती ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपी इस तरह की राहत के लिए वास्तविक आधार पेश करने में विफल रहा है.

अगस्त 2023 का है मामला

बता दें कि यह मामला अगस्त 2023 का है, जब होमवर्क न करने पर मुस्लिम छात्र की स्कूल टीचर ने सहपाठियों को बुलाकर उसे थप्पड़ मारने का निर्देश दिया था. इस मामले में मुजफ्फरनगर जिले के स्कूल की महिला शिक्षक पर पीड़ित लड़के पर साम्प्रदायिक गालियां देने का भी आरोप लगाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने घटना में शामिल बच्चे और उसके सहपाठियों की काउंसलिंग के तरीके पर सुझाव देने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) मुंबई को नियुक्त किया था.


ये भी पढ़ें: ‘दिल्ली मुकदमा ट्रांसफर किया जाए…यासीन मलिक को जम्मू-कश्मीर नहीं ले जा सकते’, CBI ने पेशी को लेकर SC में दी दलील


सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सभी पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद अदालत का मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार और विशेष रूप से शिक्षा विभाग ने समय-समय पर इस अदालत द्वारा पारित विभिन्न आदेशों पालन नहीं किया है.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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