Cardiac Arrest Symptoms: आजकल कम उम्र में कार्डियक अरेस्ट आम होते जा रहा है. पहले लोगों को लगता था कि कम उम्र के लोगों को हार्ट अटैक नहीं आता और पतले लोगों को भी इसका सामना नहीं करना पड़ता, लेकिन अब यह साफ़ होता जा रहा है कि कार्डियक अरेस्ट कम उम्र के लोगों को भी हो रहा है और अचानक से मौतें भी हो रही हैं.कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी स्थिति है जिसमें अचानक से दिल काम करना बंद कर देता है, धड़कनें बंद हो जाती हैं और सारे शरीर के अंग दम तोड़ देते हैं.
डॉक्टर का कहना है कि अचानक से मौतों का सबसे बड़ा कारण है कि लोग अब बहुत स्ट्रेस में रहते हैं. बॉडी साथ ना भी दे तो भी ओवर प्रेशर में रखते है बॉडी को लोग जिम जाते है. वहां बॉडी साथ ना दे तब भी जबरदस्ती करते हैं जो गलत है. अचानक कार्डियक अरेस्ट एक इमरजेंसी मेडिकल स्थिति है, जिसमें व्यक्ति का हृदय अचानक फंक्शन करना बंद कर देता है. इसके चलते उसे कार्डियक अरेस्ट हो जाता है. कई बार लक्षण दिखने के 1 घंटे के भीतर ही व्यक्ति की मौत हो जाती है. लोगों के लिए उनका लाइफ स्टाइल या ओवर प्रेशर एक जहर बनता जा रहा है, जिसे समझने की जरूरत है और जो लोग बिल्कुल नहीं समझते लोगों को जरूरत है की अपने दिनचर्या को सुधारे.
धड़कनों का बहुत तेजी से चलना कार्डियक अरेस्ट की ओर संकेत है. दरअसल, इस स्थिति में हमारा दिल इतनी तेजी से काम करता है कि मानों बेलगाम चल रहा हो. इस दौरान आपको बेचैनी महसूस हो सकती है और इसकी वजह थकान और यहां तक कि सिर में दर्द या पेट में दर्द भी महसूस हो सकता है.
कार्डियक अरेस्ट में पल्स रेट धीमे-धीमे कम होने लगता है और शरीर अपने आप को खो रहा होता है. शरीर ऐसा महसूस करता है कि जैसे सीने पर कुछ भारी पत्थर रखा हो जिसकी वजह से आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही हो. इससे आपको घबराहट होने लगती है.
जब आपका शरीर अपने आपको बंद करने की तैयारी में होता तो पूरे शरीर में एक बेचैनी पैदा होती है और जी मिचलाने लगता है. इस स्थिति को आम समझकर नजरअंदाज न करें और इस स्थिति पर पूरी नजर बनाकर रखें.
शरीर में जब ब्लड सर्कुलेशन सही नहीं होता या फिर दिल सही से पंप नहीं कर पाता है तो इससे आपको चक्कर आ सकता है और आप बेहोश हो सकते हैं. तो, इस तरह इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और अपने डॉक्टर को दिखाएं. इसके अलावा इस स्थिति में अगर कोई साथ में है तो उसे आपको सीपीआर देने की कोशिश करें.
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बाद मरीज को डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस स्थिति में मरीज अपने पोर्शन साइज का विशेष ध्यान रखना चाहिए और डाइट में ताजे फल और हरी सब्जियों को शामिल करना चाहिए. इसके अलावा संतुलित मात्रा में ड्राई फ्रूट्स और नट्स का सेवन करें. मोटे अनाज का ज्यादा सेवन करें और प्रोसेस्ड व अनहेल्दी फूड्स के सेवन से बचें.
धूम्रपान या स्मोकिंग की वजह से हार्ट पर बहुत बुरा असर पड़ता है. स्मोकिंग करने से आपको दोबारा हार्ट फेलियर और अटैक का खतरा है. यही नहीं सेकंड हैंड स्मोकिंग से भी इसका खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, सेकेंड हैंड धुएं के आसपास रहने से बचें. इससे हार्ट अटैक के जोखिमों को कम करने में मदद मिलती है.
नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है. कार्डियक अरेस्ट के बाद मरीजों को रोजाना लो इंटेंसिटी एक्सरसाइज का अभ्यास जरूर करना चाहिए.
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बाद खतरे को कम करने के लिए समय-समय पर मेडिकल चेकअप्स कराने चाहिए. हाई कोलेस्ट्रॉल, बीपी बढ़ने और डायबिटीज की वजह से आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं. इसलिए समय-समय जांच जरूर कराएं.
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