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By Uma Sharma
Farmers Protest Effect on Markets: पंजाबी किसानों के आंदोलन का असर दिल्ली की सब्जी मंडियों पर पड़ सकता है. प्रदर्शन के चलते खाद्य उत्पादों की सब्जी-मार्केट तक पहुंच बाधित हो रही है, इसके चलते सब्जियां महंगी होने के आसार हैं. दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर से सटे इलाकों में लोगों को आशंका है कि उन्हें महंगाई से जूझना पड़ सकता है. सब्जी विक्रेताओं के सुर भी ऐसे ही हैं.
गाजीपुर सब्जी मंडी के एक सब्जी व्यापारी ने कहा कि किसान संगठनों के विरोध-प्रदर्शन के कारण सड़क मार्ग अवरुद्ध हुए हैं, और यदि ताजा सब्जियां मार्केट में नहीं पहुंचीं तो कीमतें बढ़ना तय है. सब्जियों की कीमतों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर एक अन्य व्यापारी ने कहा, “फिलहाल हमारे यहां सब्जियों की कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. हालांकि पंजाब से आपूर्ति बंद होने से गाजर के भाव में पिछले 15 दिंनों में 4 रुपये का इजाफा हुआ है…यदि ऐसे ही विरोध-प्रदर्शन होते रहे तो और ज्यादा सड़कें अवरुद्ध होंगी. लिहाजा, किसानों से सब्जियां समय पर मार्केट में नहीं आ पाएंगी.”
सब्जी विक्रेता ने कहा- “उत्तर प्रदेश के सब्जी उत्पादन वाले स्थानों, राजस्थान-पंजाब बॉर्डर के पास श्रीगंगा नगर और महाराष्ट्र के पुणे जैसी जगहों पर सब्जी के ट्रक मार्केट में न पहुंचने से सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. ऐसा होने पर कुछ सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी हो जाएगी.”
गाजीपुर में एक और सब्जी विक्रेता ने कहा, “सब्जियां ले जाने वाले ट्रक अभी तक बिना किसी रुकावट के टाइम पर दिल्ली पहुंच रहे हैं. सब्जियों की कीमतों पर अब तक कोई असर नहीं पड़ा है.” कीमतें बढ़ने की बड़ी वजह पंजाब में हो रहा किसान संगठनों का प्रदर्शन है, क्योंकि पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच गतिरोध है.
इधर, पता चला है कि पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में पुलिस की प्रदर्शकारियों से झड़प हुई है. झड़प में सैकड़ों प्रदर्शकारी और कुछ पत्रकार घायल हो गए हैं. हरियाणा पुलिस की ओर से कहा गया कि उनके एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. शंभू बॉर्डर पर तैनात सुरक्षाबलों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे प्रदर्शकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया.
पंजाबी किसानों के प्रदर्शन को किसान मजदूर मोर्चा एंव संयुक्त किसान मोर्चा ने समर्थन दिया है. इन संगठनों की ओर से भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अपनी मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है, इसके लिए “दिल्ली चलो” का आह्वान किया गया है. अब देखा यह जाना है कि सरकार क्या कदम उठाती है.
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