Diwali 2023: इस साल 12 नवंबर 2023 को पूरे भारत में दिवाली का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाने वाला है. दिवाली रोशनी से भरा त्योहार है जिसमें लोग अपने घरों को दीए, रंगोली और लाइटिंग करके खूब सजाते हैं. लेकिन ये त्योहार दिया जलाकर और पटाखे फोड़कर सेलिब्रेट किया जाता है. इसलिए दिवाली के आस-पास के समय में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण कई गुना बढ़ जाता है जिससे अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत बढ़ जाती है. अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें सांस नलिकाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है. आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनको अपनाकर आप दिवाली के टाइम पटाखों के धुएं से होने वाले इंफेक्शन से खुद को बचा सकते हैं, तो चलिए जानते हैं कैसे-
इनहेलर रखना जरूरी
दीपावली के दौरान या बाद में भी अस्थमा पेशेंट्स को अपने साथ हमेशा इनहेलर रखना चाहिए. दिवाली के समय हवा में कई ऐसे केमिकल्स और डस्ट पार्टिकल होते हैं, जिससे अस्थमा का अटैक आ सकता है. ऐसे में इनहेलर के प्रयोग से जल्द लक्षणों पर काबू पाया जा सकता है.
घर से बाहर निकलने से बचें
दीपावली के दौरान पटाखों के धुएं से खुद को बचाने के लिए जितना हो सके घर से बाहर निकलने से बचें. धुएं में सांस लेना अस्थमा को ट्रिगर कर सकता है. दीवाली के दौरान यदि घर के बाहर निकलें तो मुंह में कपड़ा या मास्क लगा लें ताकि अधिक धुएं से बचा जा सके. खासकर शाम के वक्त घर से बाहर न जाएं.
सफाई का खास ख्याल रखें
दिवाली से पहले लोगों के लिए घरों की सफाई करना आम बात है, लेकिन इस सफाई से भी धूल के कण पैदा हो सकते हैं, जिस वजह से सांस लेने में परेशानी का अनुभव कर सकते हैं. जब ऐसे कण सांस द्वारा सांस नली में जाते हैं तो अस्थमा का अटैक आ सकता है. इसमें छींकने, खांसी और घबराहट जैसे लक्षण हो सकते हैं. धूल से बचने के लिए खुद को एक कमरे में बंद कर लें और सफाई हो जाने के बाद बाहर आएं.
गर्माहट देने वाली चीजों का सेवन करें
दीपावली के समय पेट को बिल्कुल भी खाली न रखें. खासकर अस्थमा के मरीजों को गर्माहट देने वाली चीजों का सेवन करना चाहिए. जितनी बार भी पानी पीएं तो वो हल्का गुनगुना होना चाहिए. इसके अलावा सूप का सेवन लाभदायक हो सकता है. अधिक मीठा और चिकना खाने से परहेज करें. अधिक तेल वाला खाने के बाद गर्म पानी का सेवन जरूर करें.
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