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Air Pollution: दिल्ली और उसके आस पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण बहुत खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. इस प्रदूषण की वजह से लोगों को न केवल सांस लेने में दिक्कत हो रही है. बल्कि उनकी आंखें भी जल रही हैं और खांसी भी हो रही है. हालांकि, कुछ सप्ताह में यह स्थिति अपने आप ठीक हो जाएगी लेकिन इसकी वजह से फेफड़ों को नुकसान हो सकता है.
वहीं अगर किसी व्यक्ति को अस्थमा की समस्या है तो उनकी स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है. इतना ही नहीं प्रदूषण के कारण कई संक्रमण भी होते हैं जो आपके शरीर को प्रभावित करते हैं. ऐसे में सांस संबंधी मरीजों को इन दिनों कुछ खास उपाय अपनाने होंगे ताकि वह स्वस्थ रह सकें. आइए जानते हैं सांस संबंधी बीमारी से बचने के लिए मरीजों को किस तरह इस प्रदूषण से दूर रहना चाहिए.
घर में भोजन बनाते समय अगर वायु को बाहर निकलने की जगह ना मिले तो इससे प्रदूषण बढ़ने लगता है. ऐसे में ध्यान रखें कि घर में प्रदूषण का स्तर ना बढ़े. इसके लिए आप इंडोर प्लांट्स का उपयोग कर सकते हैं. इसके अलावा आप कोशिश करें कि जब बाहर प्रदूषण का स्तर अधिक हो तो उस समय घर के दरवाजे और खिड़कियां दोनों ही बंद रखें.
बाहर निकलने से पहले इस बात का खास ध्यान रखें की वायु में प्रदूषण का स्तर क्या है. वहीं अगर ज्यादा जरूरी ना हो तो बाहर बिल्कुल ना निकलें, कोशिश करें कि आपके सभी काम घर से ही हो जाएं. इसके अलावा बाहर भी केवल समय और प्रदूषण के स्तर को ध्यान में रखकर ही निकलें. घर में ही एक्सरसाइज करें.
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कोरोना के दौरान हमने एक आदत बना ली है वह है मास्क पहनने की. दीवाली के बाद प्रदूषण के छोटे – छोटे बीमारियों से खुद को बचाए, रखने के लिए हमें इसका ही पालन करना है. जब भी आप बाहर निकले, याद से मास्क अच्छी तरह से लगा लें. इसके जरिए प्रदूषण आपके फेफड़ों तक प्रवेश नहीं कर पाएंगे और आपको खांसी और सांस फूलने जैसी समस्या भी नहीं होगी, साथ ही यह आपको फ्लू से भी बचाकर रखेंगे.
अगर आप सांस लेने में किसी भी तरह के तकलीफ महसूस कर रहे हैं. तो रोजाना स्टीम का सहारा लें. बता दें कि जब आप स्टीम लेते हैं तो इसके जरिए गर्म हवा फेफड़ों तक जाती है जो बलगम को पतला करती है और नाक को खोलती है. जिससे फेफड़ों और गले को प्रदूषण के कणों से राहत मिलती है. अगर आप रोजाना बाहर जाते हैं तो कम से कम दिन में 2 बार स्टीम लें.
-भारत एक्सप्रेस
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