
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में इंग्लैंड से आए क्रिश्चियन.
Foreigners In Kumbh Mela: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में इस बार भारतीयों के साथ-साथ विदेशों से भी श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने को मिल रहा है. महाकुंभ का यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्थाओं का वैश्विक मंच पर प्रचार भी कर रहा है. इंग्लैंड से आए चार्ल्स और एलिसा नामक दंपति ने महाकुंभ के इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लिया और भारतीय संस्कृति की सराहना की. उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यहां आकर उन्हें बहुत अच्छा महसूस हो रहा है और यहां के लोगों की गर्मजोशी ने उन्हें खासा प्रभावित किया है.
चार्ल्स और एलिसा, जो हाल ही में विवाह के बंधन में बंधे हैं, महाकुंभ में आकर अपनी धार्मिक यात्रा की शुरुआत करना चाहते थे. वे महाकुंभ के अद्भुत दृश्य और धार्मिक वातावरण से बहुत प्रभावित हुए हैं. चार्ल्स ने कहा कि यह उनका भारत का पहला अनुभव है और उन्हें यहां की व्यवस्थाएं बहुत अच्छी लगीं. उन्होंने स्थानीय परिवहन, पुलिस और सुविधाओं की सराहना करते हुए कहा कि यहां आने पर उन्हें बहुत मदद मिली. वहीं, एलिसा ने भी भारत में आकर बहुत खुशी महसूस की और यहां के लोगों की मदद और दयालुता को सराहा. उन्होंने कहा कि यह उनका भारत का पहला दौरा है, जिसे वे कभी नहीं भूलेंगे.
सनातनियों की आस्था और उत्सव
महाकुंभ का आयोजन भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है. यह न केवल धार्मिक अनुष्ठान का प्रतीक है, बल्कि एक सांस्कृतिक मेला भी है, जहां देश-विदेश से लोग एकत्र होते हैं. महाकुंभ के दौरान लाखों लोग गंगा नदी में स्नान करने आते हैं, जो उन्हें मानसिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है. यहां की अलौकिकता, भीड़, ऊर्जा और माहौल को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है. प्रयागराज के इस अद्भुत आयोजन ने इस बार विदेशी श्रद्धालुओं को भी अपनी ओर आकर्षित किया है. इस आयोजन से न केवल भारत की धार्मिक महत्ता को बल मिलता है, बल्कि दुनिया भर में भारतीय संस्कृति की पहचान भी मजबूत होती है.
महाकुंभ 2025 ने वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रचार किया है. यहां आने वाले विदेशी श्रद्धालु भारतीय परंपराओं से जुड़ने के साथ-साथ यहां की व्यवस्था और संस्कृति को भी गहरे से समझने का प्रयास करते हैं. महाकुंभ की भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा को देखकर वे अपने अनुभवों को साझा कर रहे हैं, जिससे यह आयोजन न केवल भारतीयों के लिए, बल्कि दुनियाभर के श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणा बन चुका है.
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(न्यूज एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)
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