वंशवाद की राजनीति के खिलाफ पीएम मोदी की जंग
पीएम मोदी ने नौकरशाही और अन्य सरकारी संस्थानों में राजनीतिक परिवारों के प्रभाव को कम करने के लिए भी कई कदम उठाए हैं.
क्या चीनी बंदरगाहों की तरह भारत में सफलता की कहानी दोहरा सकता है अडानी पोर्ट्स?
अडानी पोर्ट्स की अभूतपूर्व सफलता भारत की आर्थिक उदारीकरण नीतियों की सफलता का प्रतिबिंब है. भारत में अब 7500 किमी लंबी तटरेखा के साथ 12 प्रमुख और 200+ गैर-प्रमुख बंदरगाह हैं.
चीनी विदेश मंत्री से जयशंकर की मुलाकात: तनाव के बीच पिघलेगी बर्फ!
चीनी आक्रामकता, भारत की त्वरित, दृढ़ प्रतिक्रिया और 3 वर्षों के गतिरोध से चीन को कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ है.
भारत अब ‘सॉफ्ट स्टेट’ नहीं: जॉर्ज सोरोस, हिंडनबर्ग और बीबीसी को सीधा संदेश
पीएम मोदी के गतिशील नेतृत्व के तहत भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, आर्थिक विकास और सामाजिक परिवर्तन ये दर्शाते हैं यह अब एक 'सॉफ्ट स्टेट' नहीं है बल्कि एक मजबूत, मुखर देश है जो अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए साहसिक कदम उठाने को तैयार है.
हिंडनबर्ग एपिसोड से और मजबूत होकर निकलेंगे गौतम अडानी, जानिए क्यों…
अय्यर उन आलोचकों से असहमत हैं जो इस बात का दावा करते हैं कि अडानी मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर में कारोबार करते हैं, जहां वास्तविक प्रतिभा की तुलना में सरकार की अनुकूलता अधिक महत्वपूर्ण है.
भारत के खिलाफ अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस का नापाक मंसूबा
हेज फंड मैनेजर और शॉर्ट सेलर जॉर्ज सोरोस ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट की तारीफ की, क्योंकि उसे उम्मीद थी कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमजोर करेगी.
Adani पर राहुल गांधी के आरोपों का फैक्ट चेक
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कुछ सवाल उठाए गए हैं, जिस पर वाजिब प्रतिक्रिया जरूरी है. लेकिन, इन गंभीर सवालों को राजनीतिक किचड़ उछालने की कवायद तक सीमित रखना हमारे देश के लिए नुकसानदायक है.
अडानी मामले पर विपक्ष का दोहरा रवैया
अगर गौतम अडानी इतने ही खराब हैं तो अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, पिनराई विजयन और ममता बनर्जी ने उनके साथ अरबों डॉलर के निवेश की डील क्यों की? राजस्थान में गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाले प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है.
अडानी-हिंडनबर्ग की गाथा में सिर्फ अडानी नहीं देश का भविष्य दांव पर
सोचने लायक बात ये भी है कि अगर अडानी समूह अपनी निर्माणाधीन परियोजनाओं को समय पर पूरा नहीं कर पाता है तो क्या होगा? इसका खामियाज़ा भारतीय अर्थव्यवस्था को भुगतना होगा।