इंदौर का सूर्य मंदिर
Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति के अवसर पर सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की जाती है. देश में सूर्य देवता के मंदिरों की संख्या काफी कम है. लेकिन इंदौर के कैट रोड में एक सूर्य मंदिर ऐसा है, जिसकी धार्मिक मान्यता को देखते हुए आज के दिन इस मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी हुई है. इस मंदिर की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहां पूजा-पाठ करने वाले श्रद्धालुओं पर मंदिर में स्थापित देवताओं की खास कृपा रहती है.
सात घोड़ों पर सवार हैं सूर्यदेव
मंदिर में सूर्यदेव के अलावा नौ ग्रह और उनके अधिष्ठाता देवी, देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं. सूर्यदेव की यह मूर्ति 13 फीट लंबी है. शास्त्रों के अनुसार यह सात घोड़े सप्ताह के सात दिनों का प्रतीक हैं. बात करें इन घोड़ों के नाम की तो इनका नाम गायत्री, भ्रांति, उस्निक, त्रिस्तप, जगति, अनुस्तप और पंक्ति है.
उत्तरायण पर सूर्यदेव की आराधना
वैसे तो मकर संक्रांति के दिन कभी भी दर्शन किया जा सकता है, लेकिन आम दिनों में यहां दर्शन का सही समय सूर्योदय के बाद करीब 11 बजे तक का है. इस दौरान मंदिर की खास बनावट के कारण सूर्य की किरणें मंदिर में स्थापित सूर्यदेव की मूर्ति पर सीधी पड़ती हैं. मकर संक्रांति का महापुण्यकाल सुबह 7.09 से 8.58 बजे तक 1 घंटे 49 मिनट रहेगा. इस दौरान कभी भी मंदिर में दर्शन किया जा सकता है.
मंदिर की एक और खासियत के अनुसार सर्दी में जब सूर्य की किरणें कुछ मद्धम हो जाती हैं, तब यहां स्थापित सूर्यदेव की मूर्ति पर पड़ने वाला प्रकाश यज्ञोपवीत की तरह नजर आता है. मंदिर में बने दो कुंड कमल के फूल और नाव के आकार जैसे हैं. इस प्राचीन मंदिर का निर्माण अपनी मां की इच्छा पूरी करने के लिए हशमत राय राजदेव ने कराया था.
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नौ ग्रहों की मूर्तियां हैं खास
डेढ़ एकड़ में फैले इस मंदिर में प्रतिस्थापित मूर्तियां ओडिशा के उम्दा कलाकारों ने संगमरमर के पत्थर को तराश कर तैयार की थीं. यहां नौ ग्रहों की मूर्तियां सौर मंडल में ग्रहों की दूरी और दिशा के अनुरूप स्थापित की गई हैं. मंदिर में इन नौ ग्रहों के साथ उन ग्रहों के अधिपति की की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं.
मकर संक्रांति के मौके पर यहां सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है. मिली जानकारी के मुताबिक, आज दिनभर यहां खिचड़ी के प्रसाद का वितरण किया जाएगा और अवसर पर महाआरती की जाएगी.