गुड़ी पड़वा 2024.
Gudi Padwa 2024 Gudi Padwa Ka Matlab Kya Hota Hai: हिंदू नववर्ष तो देश में कई नामों से जाना जाता है. चैत्र नवरात्रि के साथ ही लोगों में गुड़ी पड़वा का उत्साह भी देखने लगता है. गुड़ी पड़वा, मुख्य रूप से महाराष्ट्र के लोग हिंदू नया साल शुरू होने की खुशी में मनाते हैं. गुड़ी पड़वा पर्व को महाराष्ट्र के अलावा आंध्र प्रदेश, गोवा समेत दक्षिण के कई राज्यों में मनाया जाता है. इस साल गुड़ी पड़वा 9 अप्रैल को यानी आज मनाया जा रहा है. गुड़ी पड़वा का मतलब और इससे जुड़ी मान्यता क्या है? जानिए.
गुड़ी पड़वा का मतलब क्या होता है?
गुड़ी पड़वा में गुड़ी का मतलब झंडा होता है, जबकि पड़वा को प्रतिपदा कहा जाता है. गुड़ी पड़वा को लेकर हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन बह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था.
शालीवाहन ने मिट्टी के सैनिकों से दुश्मनों को किया परास्त
गुड़ी पड़वा का त्योहार मुख्यरूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है. गुड़ी का मतलब विजय पताका होता है. पड़वा का अर्थ प्रतिपदा होता है. यही वजह है कि इस त्योहार के दौरान लोग अपने-अपने घरों में विजय के प्रतीक गुड़ी को सजाते हैं. गुड़ी पड़वा को लेकर मान्यता है कि इस दिन एक कुम्हार के पुत्र शालीवाहन ने मिट्टी के सैनिकों की सेना से अपने शत्रुओं को परास्त किया था. कहा जाता है कि इसी दिन से शालीवाहन शक का आरंभ होता है.
प्रभु श्रीराम ने बालि का किया था वध
गुड़ी पड़वा पर्व से जुड़ी दूसरी मान्यता है कि इस दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी. कहते हैं कि इसी दिन से सतयुग की शुरुआत हुई थी. गुड़ी पड़वा पर्व से जुड़ी एक अन्य मान्यता यह भी है कि इस दिन प्रभु श्रीराम ने बालि का वध करके दक्षिण भारत के लोगों को आतंक से मुक्त कराया था. जिसके बाद वहां के लोगों ने खुश होकर अपने घरों में विजय पताका फहराई. जिसको गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता है.
यह भी पढ़ें: 50 साल बाद नवरात्रि में 4 ग्रहों का दुर्लभ संयोग, राजयोग से खुलेगी 3 राशियों की किस्मत; होगा जबरदस्त लाभ
यह भी पढ़ें: हिंदू नववर्ष आज से शुरू, विक्रम संवत 2081 इन राशियों के लिए रहेगा भाग्यशाली; होगा अकूत धन लाभ