सांकेतिक तस्वीर
जिस किसी को भी लग रहा है कि गर्मी बहुत ज्यादा पड़ रही है तो बता दें कि मौसम विभाग के अलावा ज्योतिष के अनुसार भी फिलहाल ये सिलसिला थमता या कम होता हुआ नहीं दिख रहा है. तन बदन को झुलसाती धूप और गर्मी अभी कम नहीं होने वाली है. क्योंकि ज्योतिष में प्रचंड गर्मी का कारण माने जाने वाला ज्येष्ठ मास के नौतपा का आरंभ होने ही वाला है. बता दे कि जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन या नक्षत्र परिवर्तन करता तो इसका प्रभाव राशियों के अलावा वातावरण, देश और दुनिया में चल रही तमाम तरह की गतिविधियों पर भी पड़ता है.
ऐसे शुरु होता है नौतपा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस समय सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, उसी के साथ नौतपा की शुरुआत हो जाती है. यह नक्षत्र 15 दिन रहता है लेकिन, शुरू के जिन 9 नक्षत्रों पर रहता है वह दिन नौतपा कहलाता है. ऐसे में 25 मई से नौतपा की शुरुआत हो जाएगी और 8 जून तक यह रहेगा. गर्मी भी इसी अनुसार रहेगी. मई माह के अंतिम सप्ताह में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं. इस दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम हो जाती है. ऐसे में सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती है जिस कारण से तेज गर्मी पड़ती है.
श्रीमद्भगवद्गीता में नौतपा
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, नौतपा का वर्णन श्रीमद्भगवद्गीता में भी मिलता है. इन दिनों गर्मी पड़ने के कारण को देखा जाए तो चंद्र रोहिणी नक्षत्र के स्वामी हैं और शीतलता के कारक ग्रह हैं. ऐसे में सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में के प्रवेश करते हैं तो पृथ्वी को पूर्ण रूप से शीतलता नहीं मिलती है और तपमान बढ़ जाता है.
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सूर्य देव की उपासना
नौतपा के दौरान सूर्य देव की आराधना करने से विशेष लाभ मिलता है. सूर्य देव से जुड़े खास अनुष्ठान कराने पर जन्म कुंडली में किसी भी तरह के ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है. सूर्य के अलावा चंद्रमा से जुड़े उपाय भी इस दौरान विशेख तौर पर लाभकारी रहते हैं. माना जाता है कि सूर्य देव को अर्घ्य देने और नमस्कार करने से ही प्रगति के द्वार खुल जाते हैं.