Bharat Express

Manipur: ओलंपिक में तलवारबाजी करना ‘जेटली’ के लिए सपना नहीं, मंजिल है

Manipur: जेटली अपने तीन भाई बहनों में सबसे छोटे हैं. उनके पिता चौधरी शरत सिंह और अयिंगबी देवी गांव में  सड़क के किनारे एक  ढाबा चलाते हैं. भले ही माता-पिता ज्यादा पैसे वाले नहीं थे लेकिन उन्होंने अपने बेटे की आकांक्षाओं पर पानी नहीं फिरने दिया.

जेटली सिंह

Manipur: तलवारबाजी (Fencing) एक एक ऐसा खेल है जिसे हम शाही, पुराने और आधुनिक तौर पर देख सकते हैं. तलवारबाजी का खेल सैन्य प्रशिक्षण के रूप में शुरू था. इसके साथ ही यह 14वीं या 15वीं शताब्दी में जर्मनी और इटली दोनों में एक खेल के रूप में विकसित हुआ, लेकिन यह एक आधुनिक खेल है. जिसमें विजेता को चुनने के लिए नयी तकनीकों का इस्तेमाल करता होता है. पेशेवर फ़ेंसरों के अनुसार, इस खेल के ड्रेस की कीमत लगभग 1 लाख से 1.5 लाख रुपये तक की हो सकती है. क्योंकि इसके जूते और वर्दी काफी महंगी आती है. यदि आप एक संपन्न परिवार से नहीं हैं. तो आपका इसमें आगे जाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. लेकिन कि इंफाल पूर्वी जिले के क्यामगेई मयाई लेकाई गांव के जेटली सिंह ने यह कर दिखाया है.

जेटली अपने तीन भाई बहनों में सबसे छोटे हैं. उनके पिता चौधरी शरत सिंह और अयिंगबी देवी गांव में  सड़क के किनारे एक  ढाबा चलाते हैं. भले ही माता-पिता ज्यादा पैसे वाले नहीं थे लेकिन उन्होंने अपने बेटे की आकांक्षाओं पर पानी नहीं फिरने दिया. जेटली एकलव्य नाम के एक सीनियर से प्रेरित होकर फुटबॉल से तलवारबाजी करने के लिए प्रेरित हुए. उन्होंने बताया कि”मैं शुरू में फुटबॉल में था क्योंकि यह हमारे क्षेत्र में लोकप्रिय है, लेकिन कुछ वर्षों के बाद, एकलव्य को खेल में पदक जीतते देखने के बाद तलवारबाजी में रुचि विकसित होने लगी”.

माता-पिता ने हमेशा उसकी पसंद का समर्थन किया

जैसा कि जेटली ने ईस्टमोजो के साथ इस इंटरव्यू में स्वीकार किया कि माता-पिता हमेशा उसकी पसंद का समर्थन करते रहे हैं, भले ही उन्हें खेल के बारे में बहुत कम जानकारी थी. कोच की मदद से उन्हे किट (वर्दी और उपकरण) हासिल करने में मदद हुई. हालांकि उसके लिए उन्हें प्रति महिने 3 हजार रुपये का निवेश करना पड़ा. तब उन्हें इस बात का आभास नहीं था कि किट युवा जेटली को राष्ट्रीय स्तर पर अपने पहले दो पदक लाने के लिए प्रेरित करेगी.

दिसंबर 2013 में जेटली हाओदम मंगलेम्बा मेइतेई के तहत स्थानीय अकादमी में शामिल हो गए और महीनों के अंदर जब उन्होंने सब-जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में रजत पदक के साथ वापसी की, तो उज्ज्वल भविष्य की झलक दी, और बाद में स्वर्ण पदक के साथ रंग में सुधार किया.

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) में अपनी दूसरी उपस्थिति के लिए कमर कसते हुए 31 मई से 2 जून तक चलने वाले इवेंट में जेटली ने भाग लिया. जिसे 2022 में टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) विकास एथलीट के रूप में नामित किया गया था. अब उन्होंने ओलंपिक में इस खेल को खेलने को लेकर अपनी मंजिल बना लिया है.

– भारत एक्सप्रेस

Bharat Express Live

Also Read