Bharat Express

Adam Gondvi

(अमृत तिवारी) तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावे किताबी हैं. क्यों, हिल गए ना? आज के राग दरबारी काल में जब ऐसी पंक्ति पढ़ने को मिलेगी तो दिमाग चकराना लाजमी है. यही नहीं, कुछ और लाइनें ऐसी हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद हो सकता है आप …