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Akal Takht

पांच तख्तों के सिंह साहिबान की बैठक के बाद अकाल तख्त के जत्थेदार ने कहा कि सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है.

बाबा दीप सिंह 1709 में सधौरा और छप्पर चिरी की जंगों में बंदा बहादुर के साथ थे. 1748 आते आते नवाब कपूर सिंह उन्हें जत्थे का सरदार घोषित कर चुके थे. अगले साल जब अमृतसर में 65 जत्थों का शरबत खालसा (एक बैठक) था तो जत्थों को बारह मिसल में बांटा गया.