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benjamin netanyahu

इजरायल और हमास के बीच चल रहा युद्ध भीषण रूप लेता जा रहा है. इस जंग में अब तक 4500 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इसके अलावा कई हजार लोग घायल हैं और लाखों की संख्या में विस्थापित हो चुके हैं.

नेतन्याहू ने सत्ता में वापसी करने के लिए शास, यूटीजे, धार्मिक जियोनिज्म, ओत्जमा येहुदित और नोआम जैसी धुर दक्षिण पंथी पार्टियों का समर्थन लिया है। इनमें कई पार्टियां तो पूरे फिलिस्तीन पर कब्जे के समर्थन में है। इन्हीं वजहों से इजराइल में नई सरकार बनते ही फिलिस्तीन के साथ विवाद बढ़ना तय हो गया था।

अमेरिकी कांग्रेस की समिति के चेयरमैन ने कहा है कि इजराइल पर हुए हमास के घातक हमले से तीन दिन पहले मिस्र ने सीमा पार से संभावित हमले की चेतावनी दी थी. हालांकि इजराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इन रिपोर्टों को "बिल्कुल ग़लत" बताया है.

इजरायल और हमास बीच छिड़े युद्ध का आज (10 अक्टूबर) चौथा दिन है. इन चार दिनों में करीब 1600 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शनिवार (7 अक्टूबर) को युद्ध शुरू हो गया. हमास के आंतकियों ने इजरायल पर 5 हजार रॉकेट दाग दिए. जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई.

Israel Judicial Reform: नेतन्याहू ने अपने भाषण में स्वीकार किया कि देश में विभाजन की बातें उड़ रही हैं और इस कानून को लाने में एक महीने की देरी करने की घोषणा की.