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Delhi Riot

दरअसल यह मामला लापरवाही से गाड़ी चलाने की घटना से जुड़ा था. एक ट्रक ड्राइवर सुखदेव ने वर्ष 2012 में लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए मोटरसाइकिल सवार की जान ले ली थी. जिस पर सभी पक्षों की जिरह के बाद अदालत ने ड्राइवर को दोषी ठहराया है.

कड़कड़डूमा कोर्ट ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रणांचल ने कहा कि पेश परिस्थितिजन्य साक्ष्य आरोपियों को भीड़ का हिस्सा होने के रूप में पहचान स्थापित करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि इस कोर्ट द्वारा अपने पुनरीक्षण क्षेत्राधिकार में आरोप पर ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करके अभियुक्त को बरी करने का कोई भी निर्णय, उस चरण में जब ट्रायल चल रहा हो, अगर मलिक के खिलाफ कोई मामला अभी खत्म होने वाला है, तो यह निराधार होगा.

कोर्ट ने शादाब को 29 अक्टूबर से 5 नवंबर तक के लिए 20 हजार रुपए के निजी मुचलके एवं उतनी ही राशि के एक जमानतदार पेश करने पर जमानत दे दी.