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Dhabad IIT

अतुल के पिता दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं. ऐसे में उसने गांव वालों से चंदा लेकर 17,500 रुपये की रकम जुटाई. वह ऐसा उसी दिन कर पाया, जब फीस जमा करने की आखिरी समय आ पहुचा था.