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hamas vs israel

इजराइल-हमास जंग का आज छठा दिन है। इस बीच दुनियाभर से हजारों इजराइली जंग में शामिल होने के लिए अपने वतन लौट रहे हैं। ग्रीस से लेकर न्यूयॉर्क तक एयरपोर्ट पर इजराइलियों की भीड़ है। सेना ने रिजर्व सैनिकों की संख्या 3 लाख 60 हजार कर दी है, इसीलिए इजराइलियों में घर लौटने की होड़ मची है।

हमास के हमले के बाद इजराइल गाजा पट्टी पर पूरा कब्जा करने की तरफ बढ़ चुका है. बावजूद इसके मुस्लिम देशों ने इजराइल के खिलाफ कोई बहुत आक्रामक एंटी स्टेटमेंट नहीं दिया है।UAE ने बैलेंस स्टेटमेंट दिया है। सऊदी ने बस ये कहा कि इजराइल ऑक्यूपाइंग कंट्री है।

हमास के हमले ने दुनिया भर को सुरक्षा के उच्च तकनीक बेचने वाले इजराइल की बड़ी चूक सामने ला दी है। हमास के कामयाब हमले और मोसाद की नाकामी में भारत के लिए क्या सबक छिपे हैं और भारत को ऐसे हमलों से निपटने के लिए क्या तैयारी रखनी चाहिए?

इजरायल और हमास की इस लड़ाई के बीच कई ऐसे शब्द भी हैं, जिनकी चर्चा है. जैसे- हमास... वेस्ट बैंक... गाजा पट्टी... योम किप्पुर वॉर... हिजबुल्लाह... अगर इस पूरी जंग और संघर्ष को समझना है तो इन शब्दों का मतलब भी समझना जरूरी है.

आतंकियों ने इजरायल के दक्षिणी हिस्से में स्थित कफर अजा किबुत्ज में जो किया है, उसे देखकर लोगों कांप उठी. ये नजारा विदेशी मीडिया ने पूरी दुनिया को दिखाया. यहां इजरायल की सेना भी इनके साथ पहुंची थी. यहां जगह जगह लाशें बिखरी पड़ी थीं. घरों में आग लगी मिली.

इजरायल और हमास के बीच छिड़ी जंग का आज (11 अक्टूबर) 5वां दिन है. हमास की तरफ से इजरायल पर किए गए हमले के जवाब में अब इजरायली सैनिक लगातार गाजा पट्टी पर बमबारी कर रहे हैं.

अब यह बात छुपी नहीं है कि इजरायल पर हमले के लिए ईरान ने ही हमास को संसाधन मुहैया कराए थे. ऐसे में ईरान से हिसाब-किताब बराबर करने का मौका ढूंढ रहे पश्चिमी देशों को अब वजह मिल गई है. अब सारा दारोमदार सऊदी अरब और यूएई देशों को ईरान के खिलाफ बड़ी जंग के लिए तैयार करना रह गया है.

जंग के बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने हम पर हमला करके सबसे बड़ी गलती की है। हम इसकी ऐसी कीमत वसूलेंगे, जिसे हमास और इजराइल के बाकी दुश्मनों की पीढ़ियां दशकों तक याद रखेंगी। वहीं इजराइल के रक्षा मंत्री ने सेना को पूरी गाजा पट्टी पर कब्जे का आदेश दिया है।

अमेरिकी मीडिया वॉल स्ट्रीट जर्नल ने हमास और हिजबुल्लाह के सीनियर अधिकारियों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि ईरान के सुरक्षा अधिकारियों ने इजराइल पर हमले की प्लानिंग में हमास की मदद की थी। इसके बाद उन्होंने 2 अक्टूबर को बेरूत में एक बैठक में हमले के लिए हरी झंडी दे दी थी।

फिलिस्‍तीनी आतंकी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर की सुबह अचानक इजराइल पर हमला किया था. करीब 20 मिनट में 5 हजार से ज्यादा मिसाइलें दागीं. हमले में 700 लोगों की इजराइल में अब तक मौत हो चुकी है, 2100 से ज्यादा लोग घायल हैं. 413 फिलिस्तीनी भी मारे गए हैं और 2000 से ज्यादा घायल हैं.