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hamas vs israel

हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद पश्चिमी एशिया में तनाव चरम पर पहुंच गया है. लेबनान पर इजराइली हमले जारी हैं. अमेरिका ने नसरल्लाह की मौत को जायज ठहराया है. दूसरी ओर, इस घटना से थर्राए ईरान ने UNSC की बैठक बुलाई है.

केरल के मलप्पुरम में फिलिस्तीन के समर्थन में रैली निकाली गई. इस रैली को हमास कमांडर और हमास पोलित ब्यूरो के पूर्व चीफ खालिद मशेल ने भी संबोधित किया. इस मुद्दे को लेकर अब देशभर में सियासी बयानबाजी चालू हो गई है.

Israel Vs Hamas: पश्चिमी एशिया में इजरायल और हमास के बीच छिड़ी जंग को 17 दिन हो गए हैं. 23 अक्‍टूबर को इजरायल के सैनिक पहली बार गाजा में हमास के लड़ाकों से भिड़े. इजरायल के सैकड़ों गाजा की ओर कूच करते नजर आए. अब वहां जमीनी कार्रवाई की जाएगी..

इजरायल की सेना ने बताया कि लेबनान में हिजबुल्लाह के दो ठिकानों पर हमला किया, जिसमें एक उसका एक लड़ाका मारा गया है.

Israel Hamas War: पाकिस्‍तान में इस्‍लामी चरमपंथी इजरायल के खिलाफ हमास के लिए जंग में उतरने को तैयार हो रहे हैं. वहां की सबसे बड़ी धार्मिक पार्टी और सुन्नी कट्टरपंथी दल जमिअत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के मुखिया मौलाना फजलुर रहमान का कहना है कि हम जिहाद करेंगे.

इजराइल-हमास युद्ध के बीच फंसे भारतीयों को वतन वापस लाने के लिए भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन अजय’ लॉन्च कर दिया है। इजराइल में करीब 18 हजार भारतीय फंसे हैं। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर जरूरत पड़ी तो इंडिनय नेवी को भी इस ऑपरेशन में शामिल किया जाएगा.

यहूदियों के पास एक ही देश है इजरायल. इसके अलावा उनकी कुछ आबादी अमेरिका, फ्रांस और पोलैंड जैसे देशों में बसी है. लेकिन अब इजरायल में भी यहूदी जनसंख्या तेजी से घट रही है. जबकि मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है. ऐसे में यहूदियों पर अपने ही देश में अल्पसंख्यक होने का खतरा मंडरा रहा है.

हमास के हमले को 48 घंटे भी नहीं बीते थे बाइडेन प्रशासन के सीनियर अधिकारियों की मीटिंग ने इजराइल में गोला-बारूद की कमी की तरफ ध्यान खींचा। अमेरिका ने एम्युनिशन की पहली खेप इजराइल पहुंचा दी है। इस जंग का अंजाम पता नहीं, इसलिए ऐसी बहुत सारी मदद भेजनी पड़ सकती है।

भारत और इसराइल के राजनयिक संबंधों का इतिहास बहुत लंबा नहीं है. भारत ने इसराइल के बनने के तुरंत बाद एक स्वतंत्र मुल्क के रूप में मान्यता नहीं दी थी. भारत इसराइल के गठन के ख़िलाफ़ था.भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इसके ख़िलाफ़ वोट किया था.

हमले का फैसला देइफ और गाजा में हमास के लीडर येहया सिनवार ने मिलकर किया था। हालांकि, इसका मास्टरमाइंड देइफ ही था। उसी ने पूरी प्लानिंग की थी कि हमले कब और कैसे किए जाएंगे। देइफ 2 साल पहले अल-अक्सा मस्जिद में इजराइली सेना की रेड को अपने दिल और दिमाग से निकाल नहीं पा रहा था।