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Muslim Personal Law

दिल्ली हाईकोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत न्यायेतर तलाक याचिकाओं पर पारिवारिक अदालतों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें तलाक नामा या अन्य समझौते की मूल प्रति अदालत में पेश करना जरूरी होगा.

याचिका केरल की सफिया पीएम नाम की एक महिला की ओर से दायर की गई है. सफिया ने याचिका में मांग की है कि मुस्लिम परिवार में जन्म लेने के बावजूद जो मुस्लिम पर्सनल लॉ का पालन नहीं करना चाहते हैं उनपर भारतीय उत्तराधिकार एक्ट 1925 लागू होना चाहिए.