कोई और श्रद्धा न चढ़ जाए बलि!
श्रद्धा और आफताब। परिवार, धर्म, समाज की बंदिशों से बेपरवाह, बेपनाह मोहब्बत, नफरत, धोखे और कत्ल की खौफनाक दास्तान। नफरत की पराकाष्ठा ऐसी कि मोहब्बत के ही 35 टुकड़े कर दिए। रोंगटे खड़े कर देने वाली इस वारदात ने हर उस मां बाप के दिल में खौफ पैदा कर दिया है जिनके घर में बेटियां …