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ram ji

Sundarkand And Hanuman ji: कहते हैं कि अगर कहीं संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ हो रहा हो तो उसमें हनुमान जी सुंदरकांड का पाठ सुनने जरूर आते हैं. ऐसी मान्यता है कि उन्हें गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस का पांचवा अध्याय 'सुंदरकांड' अत्यंत प्रिय है.