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Sundarkand And Hanuman ji: सुंदरकांड के पाठ से भागेगें भूत-प्रेत, शनि के प्रकोप से बचाएंगे हनुमान जी

Sundarkand And Hanuman ji: कहते हैं कि अगर कहीं संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ हो रहा हो तो उसमें हनुमान जी सुंदरकांड का पाठ सुनने जरूर आते हैं. ऐसी मान्यता है कि उन्हें गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस का पांचवा अध्याय ‘सुंदरकांड’ अत्यंत प्रिय है.

Hanuman-ji

हनुमान जी

Sundarkand And Hanuman ji: रामचरितमानस के पांचवें अध्याय सुंदरकांड में  हनुमान जी के लंका जाने और सीता जी तक पहुंचने की कथा है. काव्य के रूप में लिखी तुलसीदास की इस मनोरम रचना को पढ़ते समय पाठक राम और हनुमान की भक्ति में भाव-विभोर हो जाता है.

कहते हैं कि अगर कहीं संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ हो रहा हो तो उसमें हनुमान जी सुंदरकांड का पाठ सुनने जरूर आते हैं. ऐसी मान्यता है कि उन्हें गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस का पांचवा अध्याय ‘सुंदरकांड’ अत्यंत प्रिय है.

यदि कोई व्यक्ति एक साथ तमाम तरह की परेशानियों से घिरा हुआ है और लाख कोशिश करने के बाद भी वह उनसे निजात पाने में सफल नहीं हो पा रहा है तो, उसे हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. जिस किसी को लगता है कि उसके घर में किसी तरह का भूत-प्रेत और उपरी बाधा जैसी समस्याएं हैं, वह भी सुंदरकांड का पाठ कर सकता है.

जो लोग बुरे सपने देखते हैं, अचानक से डर जाते हैं या फिर बात-बात पर घबराते हैं उन्हें भी सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए.

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कब करें सुंदरकांड का पाठ

वैसे तो सुंदरकांड का पाठ कभी भी किया जा सकता है, लेकिन शनिवार के दिन इसका पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है. जिन लोगों पर शनि ग्रह की महादशा, अंतर्दशा या फिर साढ़ेसाती चल रही है और काफी परेशान हो चुके हैं तो ऐसे लोग भी शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं.

सुंदरकांड के पाठ करने का कोई निर्धारित समय नहीं है, सुबह या शाम के वक्त कभी भी कर सकते हैं. लेकिन ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि अगर रात में इसे 11:00 बजे के बाद किया जाए तो हनुमान जी विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं.

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सुंदरकांड के फायदे

ज्योतिषाचार्य रामानुजाचार्य बताते हैं कि जो लोग सुंदरकांड का पाठ हफ्ते में एक बार भी कर लेते हैं, उन्हें किसी तरह की नकारात्मक शक्तियां छूने का दुस्साहस तक नहीं करतीं. अगर आपके अंदर बुद्धि विवेक और आत्मविश्वास की कमी होने लगे तो भी आप सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं.

माना जाता है कि सुंदरकांड का पाठ विद्यार्थियों के लिए भी विशेष तौर पर फलदायी है. सुंदरकांड के पाठ के साथ उसका अर्थ भी जानेंगे तो आप जीवन के कई सारे रहस्यों से परिचित होंगे. इसलिए कहा जाता है कि अगर आप रामचरितमानस पूरा ना पढ़ पाएं तो कम से कम सुंदरकांड अवश्य पढ़ें.

जय श्री राम

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