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RBI Report

India Inc ने Q4 में मजबूत मुनाफा वृद्धि दर्ज की. वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, स्थिर नीतियों और निवेशक भरोसे से भारत आकर्षक गंतव्य बना. प्रौद्योगिकी, ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रदर्शन देखने को मिला है.

RBI की 'स्टेट ऑफ द इकोनॉमी' रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मौद्रिक, वित्तीय और राजनीतिक स्थिरता, नीतिगत स्थिरता और निश्चितता, अनुकूल कारोबारी माहौल और मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल के साथ-साथ ट्रांसपेरेंट, नियम-आधारित और दूरदर्शी पॉलिसी इकोसिस्टम से घिरी हुई है.

RBI द्वारा शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार आठवें सप्ताह बढ़कर 25 अप्रैल तक 688.13 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 1.98 अरब डॉलर की वृद्धि हुई.

पिछले हफ्ते देश का विदेशी मुद्रा भंडार 7 मार्च को समाप्त होने वाले हफ्ते में 15.267 अरब डॉलर बढ़ा था. इस बढ़ोतरी के बाद यह 653.966 अरब डॉलर हो गया था.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 7 मार्च को समाप्त होने वाले हफ्ते में 15.267 अरब डॉलर बढ़कर 653.966 अरब डॉलर हो गया है. बीते दो वर्षों में विदेशी मुद्रा भंडार में यह सबसे बड़ी बढ़त है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, भारत 2025-26 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा. आईएमएफ और विश्व बैंक ने क्रमशः 6.5 प्रतिशत और 6.7 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है.

RBI की रिपोर्ट में कहा गया है, "वर्ष 2013 में 772 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 222 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन्स हुए थे, जबकि वर्ष 2024 में यह संख्या मात्रा के हिसाब से 94 गुना और मूल्य के हिसाब से 3.5 गुना से अधिक बढ़कर 20,787 करोड़ से अधिक ट्रांजैक्शन्स हुए, जिसका मूल्य 2,758 लाख करोड़ रुपये है.

RBI ने सोमवार को कहा कि बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता में और सुधार हुआ है. साथ ही उनकी सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (GNPA) या खराब ऋण अनुपात सितंबर 2024 में 12 साल के निचले स्तर 2.6 प्रतिशत पर आ गया है.

RBI की इस रिपोर्ट को डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा सहित अन्य विशेषज्ञों ने तैयार किया है. इसमें कहा गया है कि तीसरी तिमाही में त्योहारी गतिविधियों और ग्रामीण मांग में निरंतर सुधार के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था गति पकड़ रही है.

रिजर्व बैंक ने सालाना रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बातें की है. सेंट्रल बैंक को लगता है कि मजबूती दिखाने के बाद भी आने वाले समय में कई चुनौतियां सामने आ सकती हैं