नवी मुंबई में ‘साकेत महायज्ञ’ का समापन, पूर्णाहुति के दौरान लगा भक्तों का तांता
सद्गुरु श्री दयाल ने कलयुग में सतयुग जैसा सकारात्मक समय लाने के लिए, सभी जीवों के कल्याण, विश्व शांति तथा मनुष्यों के आत्म कल्याणकारी "शब्द योग" के अद्वितीय मार्ग से जोड़ने के लिए महायज्ञ का आयोजन किया.