‘अक्सर एक गंध, मेरे पास से गुजर जाती है…’, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, जिन्होंने कविताओं से सिखाया जीने का सलीका
उत्तर प्रदेश में जन्मे कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने अपनी कविताओं से लोगों में जीने की उम्मीद जगाई. वो अपने प्रभावी काम के कारण पत्रकार के रूप में भी प्रसिद्ध हुए.