Bharat Express

SC-ST

पीठ ने कहा था कि अनुसूचित जातियां एक समरूप समूह नहीं है और सरकार पीड़ित लोगों को 15% आरक्षण में अधिक महत्व देने के लिए उन्हें उप-वर्गीकृत कर सकती है.