Bharat Express

socialism & secularism

SC में दायर याचिका में कहा गया है कि प्रस्तावना में समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्दों को जोड़ना संसद को अनुच्छेद 368 के तहत मिली संविधान संशोधन की शक्ति से परे है और इस मुद्दे पर संसद में बहस भी नहीं हुई थी.