भारत के सबसे कम उम्र के क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी, जिन्हें ब्रिटिश सरकार ने 16 साल की उम्र में दी थी फांसी की सजा
खुदीराम और प्रफुल्ल चाकी अलग-अलग भाग निकले. उस समय खुदीराम वैनी स्टेशन के नाम से जाने जाने वाले स्टेशन (अब इसका नाम बदलकर खुदीराम बोस पूसा स्टेशन) तक पहुंचने से पहले 25 मील तक चले.