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UPI Lite new rules 2024: हाल ही में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा यूपीआई लाइट को लॉन्च किया गया है. यह एक फ़ास्ट और सरल प्लेटफॉर्म है, जो लो-वैल्यू ट्रांजैक्शंस के लिए एक सुरक्षित और आसान तरीका प्रदान करता है.

वित्त मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने इस साल जनवरी से नवंबर तक 223 लाख करोड़ रुपये के 15,547 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन हासिल किए हैं.

2016 में लॉन्च होने के बाद से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने भारत में वित्तीय पहुंच को बदल दिया है, जिससे 30 करोड़ लोग और 5 करोड़ व्यापारी निर्बाध डिजिटल लेन-देन करने में सक्षम हुए हैं.

आईआईएम और आईएसबी के प्रोफेसर्स द्वारा तैयार किए गए पेपर में कहा गया कि 2016 में लॉन्च हुए यूपीआई से देश के फाइनेंशियल सेक्टर में बड़ा बदलाव लाया है.

यूपीआई लाइट व्यक्ति-से-व्यक्ति भुगतान, व्यक्ति-से-व्यापारी भुगतान और छोटे व्यापारी भुगतान के लिए ऑफलाइन लेनदेन को सपोर्ट करता है.

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ 31 अक्टूबर, यानी दीवाली के दिन, यूपीआई पर 64.4 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए. यह एक दिन में सबसे ज्यादा ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड है.

देश में त्योहारी सीजन में खर्च के पैटर्न से पता चलता है कि अर्ध-शहरी और ग्रामीण उपभोग की मांग में वृद्धि हो रही है. कस्‍बों-छोटे शहरों में रहने वाले लोग शहरी लोगों की तुलना में पैसा ऑनलाइन अधिक खर्च कर रहे हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक के मासिक आंकड़ों के अनुसार, UPI आधारित डिजिटल भुगतान (Digital Transactions) में वृद्धि के बीच डेबिट कार्ड आधारित लेनदेन में गिरावट दर्ज हुई है.

UPI Payment: देश में UPI (Unified Payments Interface) से लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 2028-29 तक 439 अरब पहुंच सकती है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 131 अरब थी.

शक्तिकांत दास ने कहा कि यूपीआई के देश भर में 42.4 करोड़ यूजर्स हैं. इसमें आने वाले समय में और बढ़ोतरी होने की संभावना है.