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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आश्वासन दिया कि पीडिता के नाम और तस्वीरों से संबंधित पोस्ट को हटाने के लिए सोशल मीडिया की निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा. कोर्ट ने एक बार फिर कहा कि मामले में किसी भी मध्यस्थ को पीड़िता का नाम और फोटो प्रकाशित करने की अनुमति नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट 13 अगस्त को तय करेगा कि किन- किन मुद्दों पर सुनवाई की जाए. कोर्ट सितंबर में इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

जस्टिस बी आर गवाई की अध्यक्षता वाली बेंच पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है.

CBI Investigation of Sandeshkhali violence: सीबीआई ने संदेश खाली हिंसा की जांच अपने हाथ में ले ली है. इस बीच कलकता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ ममता सरकार मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई.