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Tips For Summer Vacation: स्कूलों और कॉलेजों में गर्मी की छुट्टियां होने वाली हैं. इस वेकेशन में बच्चों और पूरे परिवार के साथ घूमने का मजा ही कुछ और होता है। ढेर सारी मस्ती और ढेर सारा उत्साह साल भर हमें ऊर्जा देने का काम करता है. ऐसे में अगर आप मई-जून में ट्रैवल का शानदार प्लान बना रहे हैं तो क्यों न इस बार ट्रेन के सफर का लुत्फ उठाया जाए. यहां हम भारत के उन खास ट्रेन रूट्स के बारे में बता रहे हैं, जो गर्मियों में सफर करने के लिए बेस्ट रेलवे रूट माने जाते हैं.
भारत का सबसे पुराना नैरो-गेज रेलवे ट्रैक, जो न्यू जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच चलता है. हालांकि यह ट्रेन अब डीजल से भी चलाई जा रही है, लेकिन ट्रेन के कुछ हिस्से भाप से भी चलते हैं. इस रास्ते में आप हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता को देख सकेंगे. इतना ही नहीं यह ट्रेन घने जंगलों और चाय के बागानों से निकली पहाड़ी चोटियों से भी गुजरती है. आपको बता दें कि यह भारत का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन है और इस ट्रैक का नाम 1999 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत की सूची में भी शामिल किया गया था.
यह हिमालयन क्वीन या शिवालिक एक्सप्रेस द्वारा कालका से शिमला तक एक नैरो-गेज पहाड़ी मार्ग है. यह मार्ग ब्रिटिश काल के दौरान ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला को भारत के अन्य रेलवे से जोड़ने के लिए बनाया गया था. आज इस ट्रैक पर मुख्य रूप से टॉय ट्रेन पर्यटकों के मनोरंजन के लिए चलाई जाती है. इस मार्ग पर कुल 102 सुरंगें और 87 पुल और 900 मोड़ हैं, जो इसे भारत के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से एक बनाता है. यह ट्रेन कई इन-ट्रेन सुविधाओं से लैस है.
यदि आप स्वर्ग की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको जम्मू-बारामूला रेल मार्ग की यात्रा योजना अवश्य बनानी चाहिए. उत्तर भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण मार्गों में से एक रेलवे ट्रैक की मदद से कश्मीर घाटी को शेष भारतीय मुख्य भूमि से जोड़ने के लिए बिछाया गया है. इस मार्ग पर 700 से अधिक पुल और कई सुरंगें हैं. यह पहाड़ों से घिरा हुआ है और चिनाब नदी को भी पार करता है.
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कांगड़ा घाटी रेलवे ट्रैक पठानकोट, पंजाब से शुरू होता है और हिमाचल प्रदेश में जोगिंदर नगर तक जाता है. इस लाइन में दो टनल हैं, जिनमें से एक 250 फीट और दूसरी 1,000 फीट लंबी है. अगर आप भीड़भाड़ वाली जगह पर पहाड़ों की शांति का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो इस रूट पर जरूर सफर करें.
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