Bharat Express

Hathras Stampede: 121 की दर्दनाक मौतों पर आई SIT रिपोर्ट पर मायावती ने साधा निशाना, कहा-राजनीति से प्रेरित; बाबा को लेकर खड़े किए ये सवाल

मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण है.

बसपा सुप्रीमो मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती (फोटो फाइल)

Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने हाथरस हादसे पर सामने आई एसआईटी (SIT) रिपोर्ट पर हमला बोला है और तमाम सवाल उठाते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है. इसी के साथ कहा है कि ये रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं है.

बुधवार को पूर्व सीएम मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि “उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण है, किन्तु एसआईटी की ओर से सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुखद है.”

ये भी पढ़ें-Hathras Stampede: हाथरस हादसे वाले बाबा के खिलाफ अखाड़ा परिषद का बड़ा निर्णय; जल्द ही घोषित किया जाएगा फर्जी संत, लोगों से की जाएगी ये अपील

एक दूसरे पोस्ट में मायावती ने कहा है कि “इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के संबंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिंताओं का कारण है. साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय है. सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटना दोहराई न जाएं.”

 

2 जुलाई को सत्संग के बाद हुई थी घटना

गौतरतलब है कि हाथरस के सिकंदराराऊ में 2 जुलाई को सत्संग के बाबा जैसे ही भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि जाने लगे वैसे ही उनकी चरण रज लेने के लिए भीड़ एकदम से दौड़ी. कहा जा रहा है कि इस दौरान बाबा के सेवादारों ने भीड़ को रोक दिया, जिससे भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े. इस घटना के तुरंत बाद ही सरकार के स्तर पर एसआईटी का गठन किया गया था. एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने 2, 3 और 5 जुलाई को घटनास्थल का निरीक्षण किया था. जांच के दौरान कुल 125 लोगों का बयान लिया गया, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी शामिल है.

इन लोगों पर हुई कार्रवाई

बता दें कि प्रथम दृष्ट्या जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक और तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है. इस सिकंदराराऊ के उप जिला मजिस्ट्रेट, सिकंदराराऊ के पुलिस क्षेत्राधिकारी, सिकंदराराऊ के थानाध्यक्ष, सिकंदराराऊ के तहसीलदार, चौकी इंचार्ज कचौरा एवं चौकी इंचार्ज पोरा को निलंबित कर दिया गया है. इन लोगों के खिलाफ लापरवाही बरतने पर ये एक्शन लिया गया है. तो वहीं बाबा के करीबी देव प्रकाश मधुकर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि न तो एफआईआर में और न ही एसआईटी रिपोर्ट में बाबा का जिक्र किया गया है. तो वहीं घटना के बाद से बाबा गायब है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है. माना जा रहा है कि पुलिस उससे भी घटना के सम्बंध में पूछताछ कर सकती है.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read