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TMU University Suicides Case: टीएमयू में आत्महत्याओं का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, की गई ये मांग

याचिका में टीएमयू में आत्महत्या की खतरनाक प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला गया है. स्वतः संज्ञान से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है.

TMU University Suicides Case

फोटो-सोशल मीडिया

TMU University Suicides Case: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय (टीएमयू) में आत्महत्याओं का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. वकील वजाहत अंसारी ने CJI को लेटर पिटीशन भेजा है. इसी के साथ ही मामले पर CJI से स्वत: संज्ञान लेने की मांग भी की है.

लेटर पिटीशन में कहा गया है कि 4 हफ्ते में 5 आत्महत्याओं की घटना हुई है. मुरादाबाद विश्वविद्यालय में 3 आत्महत्याएं हुई तो वहीं मेरठ में 2 आत्महत्याएं की घटना हुई है. हाल ही में MBBS स्टूडेंट ने आत्महत्या की थी तो वहीं इससे पहले महिला प्रोफेसर की भी लाश मिली थी. मीडिया रिपोर्ट के आधार पर वकील ने लेटर पिटीशन भेजा है.

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बता दें कि टीएमयू में 26 दिन के अंदर 2 छात्रों और एक प्रोफेसर ने जान दे दी है. इससे पहले एक प्रोफेसर का शव मिला था. गौरतलब है कि वकील ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए याचिका दायर की है. याचिका में टीएमयू में आत्महत्या की खतरनाक प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला गया है. स्वतः संज्ञान से हस्तक्षेप की मांग करते हुए दायर याचिका में टीएमयू में केवल 26 दिनों के भीतर तीन आत्महत्याओं का हवाला दिया गया है, जिनमें दो छात्र और एक प्रोफेसर शामिल हैं.

इनकी हुई मौत

इन घटनाओं में 28 वर्षीय एमडी (एनेस्थीसिया) छात्र ओशो राज चौधरी की मौत भी शामिल है, जो अपने छात्रावास के कमरे में लटका हुआ पाया गया था. इससे पहले, 21 वर्षीय बीबीए छात्र अक्षत जैन और 32 वर्षीय सहायक प्रोफेसर अदिति मल्होत्रा ​​की भी इसी तरह की परिस्थितियों में मौत की खबर सामने आई थी.

इसके अलावा मेरठ जिले में एक अतिरिक्त घटना सामने आई थी जिसमें एक हताश पिता और उसकी किशोर बेटी ने शिक्षा के खर्च पर वित्तीय संकट के कारण जहर खा कर मौत को गले लगा लिया था. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, 50 वर्षीय राजमिस्त्री जोगेंद्र प्रजापति और उनकी 17 वर्षीय बेटी ख़ुशी ने दुखद रूप से अपना जीवन समाप्त कर लिया था क्योंकि वह कक्षा 10 की परीक्षा में 75% अंक प्राप्त करने के बावजूद उसकी स्कूल की फीस नहीं भर सके. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इन घटनाओं की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच का आदेश दिया जाए.

एक छात्रा का मिला था सुसाइड नोट

बता दें कि एक छात्रा ने यूनिवर्सिटी हॉस्टल की पांचवीं मंजिल से कूदकर खुदकुशी कर ली थी. छात्रा छत से कूदने के बाद गंभीर रूप से घायल हो गई थी जिसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया था लेकिन उसकी मौत हो गई थी. पुलिस ने फोरेंसिक टीम को बुलाकर सबूत इकट्ठा किए और केस दर्ज भी किया गया. छात्रा की पहचान बिहार के मधुबनी की रहने वाली छात्रा करुणा विश्वकर्मा के रूप में हुई थी वो बीटेक कर रही थी. छात्रा ने अपनी रूममेट को कॉल करके कहा था कि उसके लिए रूम में एक गिफ्ट रखा है. इस पर जब उसकी रूममेट ने रूम में जाकर बक्से में गिफ्ट का पैकेट देखा तो उसमें गिफ्ट नहीं बल्कि सुसाइड नोट रखा हुआ था. बताया जा रहा है कि जिस वक्त रूपमेट सुसाइड नोट देख रही थी उसी वक्त छात्रा ने कूदकर जान दे दी थी.

सुसाइड नोट में लिखी थी ये बात

मुरादाबाद एसपी सिटी अखिलेश भदोरिया ने मीडिया को घटना के वक्त बताया था कि सुसाइड नोट में छात्रा ने अपने परिजनों को मैसेज दिया है. छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा है, ‘सॉरी मम्मी-पापा… मैं मरना नहीं चाहती थी. मैं कभी आप लोगों को छोड़कर जाना नहीं चाहती. मेरी लाइफ में मैं कुछ कर नहीं सकी. मेरे जाने के बाद आप लोग हमेशा खुश रहना और छोटी बहन नेहा को पढ़ाना और बड़ा आदमी बनाना.’फिलहाल पुलिस इस मामले में आगे की जांच में जुटी हुई है. बता दें कि ये घटना 25 नवम्बर 2023 को सामने आई थी.

-भारत एक्सप्रेस



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